इंडियन रेल की ड्रीम परियोजना ‘स्वर्ण प्रोजेक्ट’ के तहत शताब्दी ट्रेनों का कायाकल्प किया जा रहा है। इन ट्रेनों में सफर करने वाले यात्रियों को बेहतरीन सुविधाएं मुहैया कराने के लिए काफी काम हो रहा है। मुंबई और अहमदाबाद के बीच चलने वाली शताब्दी ट्रेन के लिए सोमवार को 25 नवीनीकृत और सर्वसुविधायुक्त कोच लॉन्च किए गए हैं। इन सभी कोच की बनावट बेहद ही खास है, इसमें स्वच्छता और सुंदरता पर काफी ध्यान दिया गया है। स्वर्ण प्रोजेक्ट के तहत अब सफर के दौरान यात्रियों के मनोरंजन को भी काफी तवज्जो दी गई है। वेस्टर्न रेलवे के डिविजनल रेलवे मैनेजर मुकुल जैन का कहना है, ‘हमने सर्वसुविधायुक्त इन कोचों को इस उद्देश्य से लॉन्च किया है कि यात्री सफर के दौरान बेहतरीन अनुभव कर सकें। हमारा उद्देश्य यात्रियों को स्वच्छ और आरामदायक सफर का अनुभव कराना है।’
स्वर्ण प्रोजेक्ट के अंतर्गत राजधानी और शताब्दी जैसी प्रीमियम ट्रेनों का नवीनीकरण किया जा रहा है। इस खास प्रोजेक्ट के तहत रेल मंत्रालय यात्रियों का सफर और भी ज्यादा आरामदायक और मनोरंजक बना रहा है। यात्रा के दौरान यात्रियों के मनोरंजन पर खासा ध्यान दिया गया है। इसके साथ ही खाने की व्यवस्था को लेकर काफी काम किया गया है।
इन सभी कोचों में साफ और हाईटेक टॉयलेट बनाए गए हैं, ये टॉयलेट्स ऑटोमेटिक दरवाजों की सुविधा से लेस हैं। इसके अलावा टॉयलेट्स में डस्टबिन की सुविधा भी दी गई है। शताब्दी ट्रेन के कोच और टॉयलेट को साफ रखने के लिए स्टाफ को खास ट्रेनिंग भी दी गई है। एक अधिकारी ने बताया, ‘यात्रियों की जरूरतों को पूरा करने के लिए कर्मचारियों को टाटा स्ट्राइव द्वारा प्रशिक्षित किया गया है।’ इसके अलावा इन कोचों में महाराष्ट्र और गुजरात की सांस्कृतिक विरासत का चित्रण करती हुई चित्रकारी और तस्वीरें भी लगाई गई हैं। राजधानी और अगस्त क्रांति ट्रेनों में भी जल्द ही ऐसा करने की योजना है। बता दें कि फिलहाल स्वर्ण प्रोजेक्ट के तहत 30 ट्रेनों का नवीनीकरण किया जा रहा है, इनमें 15 राजधानी और 15 शताब्दी ट्रेनें शामिल हैं। 25 करोड़ रुपए के बजट वाले इस प्रोजेक्ट को सुरेश प्रभु के कार्यकाल में लॉन्च किया गया था। इसके तहत हर ट्रेन में करीब-करीब 50 का खर्च आ रहा है।

