भारतीय रेल के कर्मचारियों को केंद्र सरकार से बुधवार (10 अक्टूबर, 2018) को एक अच्छी खबर मिली। केंद्र सरकार ने दुर्गा पूजा और दशहरा से पहले रेलवे के नॉन गैजेटेड कर्मचारियों के 78 दिनों के वेतन को बोनस के तौर देने के प्रस्ताव को हरी झंडी दे दी। बोनस की यह रकम 18 हजार रुपए के आसपास होगी। कैबिनेट की तरफ से बीते साल भी रेलवे कर्मचारियों को इतना ही बोनस मिला था। यह लगातार सातवां साल है, जब सरकार ने दशहरे से पहले 78 दिनों का बोनस रेलकर्मियों को दिया है।
मीडिया रिपोर्ट्स के मुताबिक, रेल कर्मचारियों के संगठनों से चर्चा के बाद रेल बोर्ड ने इससे पहले वर्ष 2017-18 के लिए अपने कर्मचारियों को उत्पादकता-लिंक बोनस (पीएलबी) के रूप में 78 दिनों के बोनस का प्रस्ताव रखा था। रेल मंत्रालय के वरिष्ठ अधिकारी ने उस बारे में न्यूज एजेंसी आईएएनएस को बताया था कि प्रस्ताव पर मंत्रिमंडल की मुहर लगने के बाद उसका ऐलान किया जाएगा।
आपको बता दें किहीं हर साल दशहरे से पहले लगभग 12.26 लाख रेल कर्मचारियों को बोनस दिया जाता है। चूंकि इस साल के आखिर में पांच राज्यों (मध्य प्रदेश, राजस्थान, छत्तीसगढ़, मिजोरम और तेलंगाना) में विधानसभा चुनाव होने हैं और अगले साल लोकसभा के चुनाव होने हैं, लिहाजा यह बोनस राजनीतिक दृष्टिकोण से भी खासा मायने रखता है।
निष्पादन आधारित 78 दिन के बोनस की अधिकतम राशि 8975 रुपए होगी। केंद्र के इस फैसले से रेलवे के खजाने पर तकरीबन 1030 करोड़ रुपए का भार पड़ेगा। पर इसमें रेलवे सुरक्षा बल और रेलवे विशेष सुरक्षा बल के कर्मियों को शामिल नहीं किया गया है। भारतीय रेल के कर्मचारियों को पिछले 6 सालों से 78 दिनों का ही बोनस दिया जा रहा है।
नेशनल फेडरेशन ऑफ इंडियन रेलवेमेन के महासचिव एम.राघवैया के मुताबिक, “रेलवे ने पिछले साल 16 हजार करोड़ रुपए की अधिक कमाई की। ऐसे में हमारी ओर से 80 दिन के बोनस की मांग की गई थी। लेकिन हम बाद में 78 दिनों के बोनस की रकम पर राजी हुए।”