झारखंड विधानसभा चुनाव 2019 में BJP को झारखंड मुक्ति मोर्चा (झामुमो), कांग्रेस और आरजेडी गठबंधन ने करारी शिकस्त दी है। भगवा पार्टी को पटखनी देने के बाद देश में मुख्य विपक्षी दल यानी कि कांग्रेस सूबे में अपनी ड्रीम स्कीम NYAY लागू कर सकती है। कहा जा रहा है कि तीन दलों मिलकर इसके लिए कॉमन मिनिमम प्रोग्राम (सीएमपी) मिलकर बना रहे हैं। तीन दल मिलकर अगले पांच सालों के कार्यां का खांका तैयार कर रहे हैं।

एक कांग्रेसी नेता ने कहा कि सीएमपी में आदिवासी बहुल इलाकों के विकास का मार्ग प्रशस्त किया जाएगा। सीपीएम में उन मुद्दों को शामिल किया जाएगी जिन्हें तीनों दलों ने अपने-अपने घोषणापत्र में शामिल किया था। घोषणापत्र में उन वादों को पूरा किया जाएगा जिनका जिक्र किया गया है।’

झारखंड मुक्ति मोर्चा (झामुमो) ने अपने घोषणापत्र में वादा किया है कि गरीब परिवारों को हर साल 72,000 रुपये दिए जाएंगे। मालूम हो कि कांग्रेस ने लोकसभा चुनाव के दौरान न्याय स्कीम के तहत ऐसा ही वादा किया था जिसमें कहा गया था कि देश के हर गरीब परिवार को सालाना साल 72,000 रुपये दिए जाएंगे। बहरहाल अगर झामुमो के घोषणापत्र के इस वादे को पूरा किया जाता है तो यह राहुल गांधी के ड्रीम प्रोजेक्ट ‘न्याय’ के पूरा होने जैसा होगा।

झामुमो राहुल गांधी के इस सपने को पूरा कर सकती है। हालांकि राहुल गांधी इसे पूरे देश में लागू करने की बात करते हैं। बता दें कि झामुमो, कांग्रेस और आरजेडी मिलकर गठबंधन सरकार का गठन करने जा रहे हैं। राहुल गांधी ने झारखंड में चुनाव प्रचार के दौरान कई बार ‘न्याय योजना’ का जिक्र भी किया था। इस दौरान उन्होंने इसे देश के तस्वीर बदलने वाला करार दिया।

झामुमो के घोषणापत्र में अनुसूचित जनजाति, अनुसूचित जाति और अन्य पिछड़ा वर्ग के लिए 67% आरक्षण का वादा किया है, स्थानीय लोगों को सरकारी नौकरी, बेरोजगार स्नातकों को 5,000 रुपये प्रतिमाह और पोस्ट-ग्रेजुएटों को भी हर महीने 7,000 रुपये भत्ता देने का वादा किया गया है।

बुजुर्गों के लिए 2500 रुपये प्रतिमाह अलग से पेंशन का भी वादा किया गया है। मालूम हो कि सोमवार को झारखंड विधानसभा चुनाव के परिणाम घोषित किए गए थे। चुनाव में गठबंधन को 81 सदस्यीय विधानसभा में 47 सीटें मिलीं। झामुमो को 30, कांग्रेस को 16 और राजद को एक सीट मिली। बीजेपी पहली बार झारखंड विधानसभा चुनाव अकेले लड़ी और वह 25 सीटों पर सिमट गई।