कांग्रेस उपाध्यक्ष राहुल गांधी ने शनिवार को प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी पर तीखा हमला बोला। उन्होंने आरोप लगाया कि प्रधानमंत्री तीसरी बार भूमि अध्यादेश को फिर से लागू करने का फैसला करके गरीब किसानों की जमीन हथियाने के लिए गजब की जल्दी में हैं। कांग्रेस उपाध्यक्ष ने कहा कि मोदी जी गरीब किसानों से किसी भी कीमत पर जमीन हथियाने के लिए गजब की जल्दी में हैं। तीसरी बार किसान विरोधी भूमि अध्यादेश पर जोर दिया जा रहा है।
Modi ji in an amazing hurry to grab land from poor farmers at any cost. A 3rd attempt at pushing the anti farmer Land Ordinance! (1/2)
— Office of RG (@OfficeOfRG) May 30, 2015
राहुल ने ट्वीट किया कि कांग्रेस पार्टी सूट बूट की सरकार के खिलाफ किसान और मजदूरों के अधिकारों के लिए लड़ाई जारी रखेगी।
Congress Party will continue to fight for the rights of the kisan and mazdoor against this #suitbootkisarkar: Rahul Gandhi (2/2)
— Office of RG (@OfficeOfRG) May 30, 2015
राहुल की इस प्रतिक्रिया से कुछ घंटे पहले केंद्रीय मंत्रिमंडल ने एक बैठक में विवादास्पद भूमि अध्यादेश को तीसरी बार फिर से जारी करने की सिफारिश की थी। 2013 में यूपीए सरकार के शासनकाल में पारित हुए भूमि अधिग्रहण विधेयक के पीछे राहुल की सोच शामिल रही थी।
यूपीए सरकार में ग्रामीण विकास मंत्री रहे जयराम रमेश ने कहा कि मोदी सरकार ने संयुक्त समिति में होने वाली कवायद का मजाक उड़ाया है जिसने शुक्रवार को ही पहली बैठक की थी। उन्होंने कैबिनेट के फैसले की निंदा करते हुए कहा कि यह काला अध्यादेश समिति के महत्त्व को कमजोर करेगा। इस कदम से यह संदेश जाता है कि मोदी सरकार नमो (नो एक्ट, मेक आर्डिनेंस) में भरोसा रखती है।
रमेश ने सवालों का जवाब देते हुए कहा कि पार्टी नए घटनाक्रम के मद्देनजर इस मुद्दे पर एक बार फिर राष्ट्रपति प्रणब मुखर्जी से संपर्क साधने के सुझाव पर विचार करेगी। कांग्रेस के संचार विभाग के प्रभारी रणदीप सुरजेवाला ने अलग से बोलते हुए कैबिनेट के फैसले को न्याय का मजाक और संसद का अपमान करार दिया। उन्होंने कहा कि यह संसद का अपमान है जिसने अपनी मोहर नहीं लगाई थी। प्रधानमंत्री का दोहरापन उजागर हो गया क्योंकि उन्होंने शुक्रवार को ही कहा था कि उनकी सरकार किसान विरोधी भूमि अध्यादेश पर पुनर्विचार करने के लिए तैयार है।