कांग्रेस नेता राहुल गांधी ने पेट्रोल और डीजल पर कर को लेकर केंद्र पर निशाना साधते हुए मंगलवार को उसकी तुलना पुरानी हिंदी फिल्मों के लालची साहूकार से की। उन्होंने मोदी सरकार पर निशाना साधने के लिए पुरानी फिल्म का जिक्र किया और बताया कि सरकार किस तरह से लोगों को लूटने में लगी है।
राहुल ने हैशटैग ‘टैक्स एक्सटोर्शन’ (जबरन कर वसूली) का इस्तेमाल करते हुए ट्वीट किया- एक तरफ जनता को ऋण लेने के लिए उकसा रहे हैं, दूसरी तरफ कर वसूली से अंधाधुंध कमा रहे हैं। सरकार है या पुरानी हिंदी फिल्म का लालची साहूकार? दरअसल, राहुल ने ये तंज सरकार की उस रिपोर्ट पर किया जिसमें लोकसभा को सूचित किया गया था कि पिछले वित्त वर्ष में पेट्रोल और डीजल पर केंद्र सरकार का कर संग्रह 88 प्रतिशत बढ़कर 3.35 लाख करोड़ रुपये हो गया। लोकसभा को इस संबंध में सूचित किए जाने के एक दिन बाद राहुल गांधी ने ट्वीट करके केंद्र की आलोचना की। उन्होंने अपने ट्वीट में मीडिया में इस बारे में आई एक खबर भी संलग्न की।
एक तरफ़ जनता को लोन लेने को उकसा रहे हैं,
दूसरी तरफ़ टैक्स वसूली से अंधाधुंध कमा रहे हैं।सरकार है या पुरानी हिंदी फ़िल्म का लालची साहूकार? #TaxExtortion pic.twitter.com/cqW9uF7Ubp
— Rahul Gandhi (@RahulGandhi) July 20, 2021
खुद साहुकार भले ना हो!
लेकिन इनके ज्यादातर काम साहूकारों के लिए ही होते हैं ।— Md Tanweer (@Mdtanweer123) July 20, 2021
बनिये ही है गुजराती 4 बनिये देश लूट कर खाते हुए ।।
— face to face news (@facetofacenews1) July 20, 2021
जग्गा जासूस….
नाली का कीड़ा हैं…
झोला छाप फकीर देश को गर्त में धकेल रहा है— Shubham Dubey (@DubeyINb) July 20, 2021
पेट्रोलियम और प्राकृतिक गैस राज्य मंत्री रामेश्वर तेली ने लोकसभा में जानकारी दी कि वित्त वर्ष 2020-21 में पेट्रोल एवं डीजल पर उत्पाद शुल्क का संग्रह बढ़कर 3.35 लाख करोड़ रुपये हो गया जो इससे एक साल पहले 1.78 लाख करोड़ रुपये था। रामेश्वर तेली के मुताबिक, 2018-19 में पेट्रोल-डीजल पर उत्पाद शुल्क के जरिए 2.13 लाख करोड़ रुपये के राजस्व का संग्रह हुआ था।
उधऱ, सोशल मीडिया पर यूजर्स ने राहुल के सुर में सुर मिलाकर बीजेपी सरकार की जमकर भर्त्सना की। एक ने लिखा- जासूसी मुद्दा तूल पकड़ रहा है। बीजेपी जल्दी ही अपने सर से बवाल टालने के लिए मोदी और शाह के फोन की जासूसी की भी फ़र्जी ख़बर ला सकती है। एक ने लिखा-घाट घाट पर कपड़े बदले, कोस-कोस पर वाणी हर प्रदेश में लम्बी फेंके, बोलो कौन है वो प्राणी।
शुभम दुबे ने लिखा- जग्गा जासूस….नाली का कीड़ा हैं…झोला छाप फकीर देश को गर्त में धकेल रहा है। अकमल ने तंज कसते हुए कहा-अपने ही शहर में इश्क कीजिए,पेट्रोल महंगा है, बचत कीजिए। एक का कहना था कि लाला, बनियों की सरकार है मां के कंगन ही नही लोगों की आत्मा भी गिरवी रखवा लेंगे। खुद साहुकार भले ना हो! लेकिन इनके ज्यादातर काम साहूकारों के लिए ही होते हैं।