रफाल डील को लेकर कांग्रेस लगातार मोदी सरकार और प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी पर हमलावर हैं। बुधवार (27 सितंबर) को इंडियन एक्सप्रेस द्वारा किए गए नए खुलासे का संदर्भ देते हुए कविता के माध्यम से उन्होंने तंज किया है। राहुल गांधी ने कहा कि, “रफाल डील को लेकर मोदी-अंबानी ने खेल खेलते हुए हिन्दुस्तान एयरोनॉटिक्स लिमिटेड से सौदा छीन लिया और धन्नासेठ को दे दिया। सेना की शक्ति को घटा दिया। जिस अफसर ने चोरी करने से रोका, उसे छुट्टी पर भेज दिया गया। पिट्ठुओं को शाबाशी दी गई।” दरअसल, 36 रफाल जेट्स की खरीद को लेकर दिल्ली में भारत के तत्कालीन रक्षा मंत्री मनोहर पर्रिकर और फ्रांस के उनके समकालीन के बीच सितंबर 2016 में हस्ताक्षर से करीब एक महीना पहले रक्षा मंत्रालय के एक वरिष्ठ अधिकारी ने इसकी मानक कीमत को लेकर आपत्ति जताई थी। वे अधिकारी उस वक्त रक्षा मंत्रालय में ज्वाइंट सेक्रेटरी और एक्यूशन मैनेजर (एयर) और कांट्रैक्ट निगोशिएशन कमिटी में शामिल थे। उन्होंने इससे संबंधित कैबिनेट को एक नोट भी लिखा था।

रक्षा मंत्रालय के अधिकारी ने अपनी आपत्तियों में उन्होंने कई बातों का जिक्र किया था। उनमें यह था कि, “अन्य कंपनियां 20 प्रतिशत की छूट दे रही थी, लेकिन उन्हें मौका नहीं दिया गया। 36 नए रफाल की कीमत पिछले 126 प्रस्तावित राफेल विमान की मानक कीमत से अधिक थी।  हिन्दुस्तान एयरोनॉटिक्स लिमिटेड इतने ही पैसे में रफाल से अधिक संख्या में सुखोई विमान उपलब्ध करवा सकता था।” इन आपत्तियों की वजह से सौदे को मंजूरी देने में देरी हुई। हालांकि, एक अन्य अधिकारी ने आपत्ति दर्ज कराने वाले अधिकारी की बातों को खारिज कर दिया था।बाद में आपत्ति दर्ज करने वाले अधिकारी को को एक महीने की छुट्टी पर भेज दिया गया और इस सौदे को मंजूरी दी गई। आपत्ति दर्ज कराने वाले उस अधिकारी को यह नोट आज कैग के पास है। दिसंबर माह में संसद के शीतकालीन सत्र में कैग इस रिपोर्ट को प्रस्तुत कर सकता है। कैग रिपोर्ट में रफाल डील को लेकर दर्ज की गई आपत्ति और उस आपत्ति को खारिज करने से जुड़ी विस्तृत जानकारी हो सकती है।

राहुल गांधी के इस ट्वीट पर उनके समर्थकों और विरोधियों दोनों ने प्रतिक्रिया दी है। एक यूजर ने लिखा, “48 साल से अधिक समय तक नामदार केवल ‘गरीबी हटाओ’ का नारा देते रहे और 48 महीने में कामदार ने कर दिखाया।”

वहीं, एक अन्य यूजर लिखते हैं, “अभी सरकार व्यस्त है 377 और 497 पर जश्न मनाने में! क्या फर्क पड़ता है कि देश में बेरोजगारी है, महंगाई है, तेल के दाम आसमान छू रहे हैं। राफेल पर घोटाला हो रहा है। इन्हें कोई मतलब नहीं, टीवी डिबेट में हिंदू मुसलमान हो रहा है। यही तो विकास है।