बराक ओबामा की किताब में राहुल गांधी के जिक्र के बाद बीजेपी ने राहुल को निशाने पर लिया तो राहुल गांधी भी बीजेपी सरकार को बख्श नहीं रहे हैं। अर्थव्यवस्था और रोजगार को लेकर वह अकसर केंद्र सरकार को घेरते रहे हैं। अब उन्होंने ट्वीट कर कहा है कि जीडीपी के गिरने और बेरोजगारी की वजह से लोगों के मनोबल टूट रहा है।
एक ट्वीट में राहुल गांधी ने कहा, ‘बैंक मुसीबत में हैं और GDP भी। महँगाई इतनी ज़्यादा कभी नहीं थी, ना ही बेरोज़गारी। जनता का मनोबल टूट रहा और सामाजिक न्याय प्रतिदिन कुचला जा रहा है। विकास या विनाश?’ दरअसल देश में लक्ष्मी विलास बैंक वित्तीय संकट का सामना कर रहा है। इस बैंक ने खाताधारकों पर 25 हजार से ज्यादा की निकासी पर पाबंदी लगा दी है। इसके साथ ही बैंक ने डीबीएस द्वारा अधिग्रहण की भी जानकारी दी है। इससे पहले येस बैंक भी मुश्किलों का सामना कर रहा है।
रोजगारों को लेकर केंद्र सरकार हमेशा ही विरोधियों को निशाने पर रही है। कोरोना की वजह से अर्थव्यवस्था में गिरावट भी एक बड़ा मुद्दा है। इसका इस्तेमाल विरोधी करते रहते हैं। बिहार में भी रोजगार के नाम पर चुनाव लड़ा जा रहा था। एक तरफ तेजस्वी यादव ने 10 लाख सरकारी नौकरियों का वादा कर दिया था तो दूसरी तरफ एनडीए ने भी 19 लाख रोजगारों की बात कही थी।
बैंक मुसीबत में हैं और GDP भी। महँगाई इतनी ज़्यादा कभी नहीं थी, ना ही बेरोज़गारी। जनता का मनोबल टूट रहा और सामाजिक न्याय प्रतिदिन कुचला जा रहा है।
विकास या विनाश?
— Rahul Gandhi (@RahulGandhi) November 18, 2020
राहुल गांधी इससे पहले भी केंद्र सरकार की आर्थिक नीतियों की आलोचना करते रहे हैं। उन्होंने कहा था कि पीएम मोदी की नीतियों की वजह से देश आर्थिक मंदी की तरफ जा रहा है। उन्होंने कहा कि भारत के इतिहास में पहली बार मंदी का असर दिख रहा है। उन्होंने कहा था कि मोदी के कदमों ने भारत की ताकत को खत्म कर दिया है।
इधऱ कांग्रेस अपने ही वरिष्ठ नेताओं के निशाने पर आ जाती है। बिहार और 10 राज्यों के उपचुनाव में निराशाजनक परिणाम के बाद कपिल सिब्बल ने कह दिया था कि जनता कांग्रेस को मजबूत विकल्प के तौर पर नहीं देख रही है। इसके बाद पार्टी के अन्य नेताओं ने उनकी आलोचना भी की। वहीं पी चिदंबरम ने भी इस बात को स्वीकार किया था कि आज जमीनी स्तर पर कांग्रेस कहीं नहीं है।