कांग्रेस नेता राहुल गांधी ने ट्विटर पर 50 लोगों को अनफॉलो कर दिया। इन लोगों में ऑल्टन्यूज़ के सह-संस्थापक प्रतीक सिन्हा और राजदीप सरदेसाई एव बरखा दत्त सरीखे पत्रकारों के साथ निखिल अल्वा जैसे उनके स्टाफ मेम्बर भी शामिल हैं। कांग्रेस बीट कवर करने वाले कई पत्रकारों का नाम भी राहुल ने काट दिया है।

राहुल के इस कदम को अंग्रेजी में purge की संज्ञा दी गई है। इसका अर्थ होता है सफाई/शुद्धीकरण। इस शुद्धीकरण का जो भी कारण हो, बहरहाल इसके बाद भी सूची में अहमद पटेल, तरुण गोगोई और राजीव सातव के नाम बरकरार हैं। इन तीनों की मौत हो चुकी है। बुधवार शाम राहुल के ट्विटर स्टेटस के मुताबिक वे 220 लोगों को फॉलो करते हैं। उनके फॉलोवर्स की संख्या एक 1.8 करोड़ (एक करोड़ अस्सी लाख अस्सी हजार) है।

कांग्रेस पार्टी अपने नेता के ट्विटर शुद्धीकरण अभियान के बारे में कुछ भी बताने से इनकार कर दिया है। बस इतना सुनाई दे रहा है कि समीक्षा के बाद राहुल कुछ नए लोगों को फॉलो करना शुरू करेंगे। बरखा दत्त ने टिप्पणी की है कि खबर लगने पर वे हंस पड़ीं। उनके मुताबिक पत्रकार के नाते यह एक कॉम्प्लीमेंट है कि मुझे भाजपा कांग्रेस दोनों ही पसंद नहीं करतीं।

ऑल्टन्यूज़ के प्रतीक सिन्हा ने माना कि राहुल उनको फॉलो करते रहे हैं। लेकिन अनफॉलो करने पर यह हल्ला क्यों। यह बात तो चर्चा के भी लायक नहीं। इस बीच पता चला है कि सिन्हा का कोई पुराना ट्वीट पड़ा है, जिसमें उन्होंने राहुल को डम्ब की संज्ञा दी थी।

खास बात यह है कि राहुल ने जिन लोगों को अनफॉलो किया है उनमें निखिल अल्वा, कौशल विद्यार्थी और बैजू भी हैं। ये लोग राहुल के स्टाफ का हिस्सा हैं। कांग्रेसियों का कहना है कि ये लोग तो हर समय साथ रहते ही हैं। इनको फॉलो करने की जरूरत ही नहीं थी।

निखिल अल्वा वह शख्स हैं जो पहले राहुल के ट्विटर एकाउंट को हैंडिल करते थे। अब इसका दायित्व अलंकार सवाइ को दे दिया गया है। जिन अन्य पत्रकारों को राहुल ने अनफॉलो किया है, उनके नाम इस प्रकार हैं, पल्लवी घोष, संजुक्ता बसु, पी साइनाथ, मृणाल पांडे और राघव बहल।