उत्तर प्रदेश में सत्ता का सूखा खत्म करने के लिए कांग्रेस उपाध्यक्ष राहुल गांधी ने कमर कस ली है। मंगलवार से उन्होंने प्रदेश में ‘किसान यात्रा’ की शुरुआत की। इस याऋा के तहत राहुल गांधी किसानों से ‘खाट सभा’ में बात करेंगे। गांधी की पहली खाट सभा देवरिया के रूद्रपुर में हुई। जहां कांग्रेस के वरिष्ठ नेता आखिरी समय पर बड़े से स्टेज पर लगी खाट पर बिठाने के लिए ‘असली’ किसानों को ढूंढते नजर आए। राहुल गांधी यहां दूधनाथ बाबा मंदिर मैदान पर पहुंचे। अपने राजनैतिक कॅरियर के सबसे लंबे जनजुड़ाव कार्यक्रम का पहला दिन ही राहुल गांधी के लिए अच्छा नहीं गुजरा। मैदान में बने बड़े से स्टेज पर किनारे रखी खाट पर बैठने के लिए पर्याप्त किसान नहीं थे। पूरे मैदान पर खाट बिछाई गई थी। ऑल इंडिया कांग्रेस कमेटी के महासचिव गुलाम नबी आजाद के साथ स्टेज पर बैठकर राहुल गांधी बातचीत करते रहे। पीछे उनके सहयोगी ‘किसान’ जुटाने के लिए जुगत भिड़ाते रहे। आजाद स्टेज से उतरे मगर राहुल वहीं बैठे रहे। जब डिस्ट्रिक्ट कांग्रेस कमेटी के मुखिया कुछ लोगों के साथ बाहर निकले, तो आजाद ने उन्हें यह कहकर लताड़ा कि वे किसान नहीं है।
जल्द ही कुछ और ‘किसानों’ को लाया गया, असल में कांग्रेस कार्यकर्ता पुलिस से उन लोगों को सभा स्थल पर लाने को कह रहे थे। लेकिन जैसे ही सभा खत्म हुई, लोगों के बीच खासतौर से तैयार की गई खाट को ले जाने की होड़ सी मच गई। जब तक पुलिसवाले बीच में पड़ते, तब तक सैकड़ों लोग खाट ले जा चुके थे। कांग्रेस सूत्रों ने कहा कि प्रशांत किशोर की संस्था इंडियन पॉलिटिकल एक्शन कमेटी (IPAC) ने लखनऊ से 4000 खाट मंगाई थीं। IPAC वाॅलंटियर्स ने सप्ताह भर पहले ही इस गांव की पहचान कर ली थी।