वैचारिक मतभेद का हवाला देकर मोदी सरकार को बात-बात पर कोसने वाले कांग्रेस अध्यक्ष राहुल गांधी ने यूपीए सरकार की नाकामी बताई है। राहुल गांधी की अपनी ही सरकार पर की गई तीखी टिप्पणी के समय उनकी मां और पार्टी की पूर्व मुखिया सोनिया गांधी भी सामने ही बैठी हुईं थीं।

हिंदुस्तान लीडरशिप समिट में शिरकत करने पहुंचे राहुल गांधी से पूछा गया, क्या उन्हें लगता है कि कांग्रेस ने नए विचारों के साथ आने के लिए पर्याप्त किया है, तो उन्होंने कहा कि उन्होंने कांग्रेस की रणनीति को फिर से स्वीकार नहीं किया था।

उन्होंने इसी सवाल पर आगे कहा, मैं आलोचना कर रहा हूं लेकिन स्वीकार करता हूं कि हमने दोबारा आने के लिए ऐसा कुछ नहीं किया। सिर्फ कई सारे एम्स खड़े कर देने भर से कुछ नहीं होगा। हमें टेक्निकली अपग्रेडेड संस्थान खड़े करने होंगे।

राहुल से उनके और सोनिया गांधी की लीडरशिप के तरीके में अंतर पर भी सवाल हुआ। इस पर उन्होंने कहा, मैंने अपनी मां से बहुत कुछ सीखा है। खासकर हर स्थिति में धैर्य बनाए रखना।

राहुल से कार्यक्रम में ‘एनीवन स्पेशल’ का भी सवाल पूछा गया। हालांकि इस बार भी उन्होंने इस सवाल का जबाव चतुराई से दिया। उन्होंने कहा, मेरे जीवन में एक नहीं बल्कि कई खास लोग हैं।

समारोह मे शिरकत करने आए राहुल गांधी ने देश के राजनीतिक माहौल की भी चर्चा की। उन्होंने कहा, आज देश में नफरत और डर का माहौल बना हुआ है। राहुल ने पीएम मोदी के नोटबंदी के फैसले को सबसे खराब बताया।

साथ ही कांग्रेस अध्यक्ष ने मोदी सरकार के लाए जीएसटी को भी फेल बताया। उन्होंने कहा, यूपीए सरकार के दौरान जिस जीएसटी को रूप दिया गया था, वो ज्यादा बेहतर था। छोटे कारोबारी भी बीजेपी के इस फैसले से खुश नहीं हैं।