महात्मा गांधी की हत्या के लिए आरएसएस को जिम्मेदार ठहराने को लेकर मानहानि के मामले का सामना कर रहे कांग्रेस के उपाध्यक्ष राहुल गांधी ने बुधवार को दावा करते हुए कहा, ‘मैंने महात्मा गांधी की हत्या के लिए आरएसएस को हत्यारा नहीं कहा था, सिर्फ जुड़े लोगों के लिए कहा था। कांग्रेस उपाध्यक्ष की इस बात को सुप्रीम कोर्ट ने स्वीकार कर लिया है। इस मामले में अगली सुनवाई 1 सितंबर होगी। उम्मीद की जा रही है राहुल गांधी के ऊपर से मानहानि का मुकदमा रद्द हो सकता है।
राहुल गांधी के वकील कपिल सिब्बल ने बुधवार को सुप्रीम कोर्ट में कहा कि गांधी ने आरएसएस संस्थान को राष्ट्रपिता महात्मा गांधी की हत्या के लिए जिम्मेदार नहीं ठहराया था, बल्कि सिर्फ जुड़े लोगों के लिए कहा था। राहुल गांधी की ओर से कहा गया कि जिस आरएसएस कार्यकर्ता ने उनके खिलाफ शिकायत दर्ज कराई है उसने उनके बयान की गलत व्याख्या की है। पिछले महीने राहुल ने इस मुद्दे पर माफी मांगने से इंकार कर दिया था। कोर्ट ने याचिकाकर्ता से इस संबंझ में अपनी प्रतिक्रिया देने के लिए कहा है, लेकिन यह स्पष्ट कर दिया है कि अगले हफ्ते राहुल गांधी के खिलाफ केस रद्द कर दिया जाएगा। बता दें कि राहुल गांधी द्वारा कथित तौर पर आरएसएस को गांधी का हत्यारा बताने को लेकर मानहानि का मामला चल रहा है। जिसकों लेकर सुप्रीम कोर्ट ने उन्हें फटकार भी लगाई थी।
इससे पहले सुप्रीम कोर्ट ने कहा था कि राहुल गांधी को एक संगठन की ‘‘सार्वजनिक रूप से निंदा’’ नहीं करनी चाहिए थी और अगर उन्होंने खेद नहीं जताया तो उन्हें मानहानि मामले में मुकदमे का सामना करना पड़ेगा। न्यायमूर्ति दीपक मिश्रा और न्यायमूर्ति आर. एफ. नरीमन की पीठ ने कहा था, ‘‘हमारा यह मानना है कि यह ऐतिहासिक रूप से सही हो सकता है लेकिन तथ्य या बयान लोगों की भलाई के लिए होना चाहिए। आप सार्वजनिक रूप से निंदा नहीं कर सकते। पीठ ने राहुल के भाषण पर सवाल उठाए और आश्चर्य जताया था कि ‘‘उन्होंने गलत ऐतिहासिक तथ्य का उद्धरण देकर भाषण क्यों दिया।”
गौरतलब है कि साल 2014 में महाराष्ट्र के ठाणे में एक जनसभा को संबोधित करते हुए राहुल गांधी ने कहा था कि RSS के लोगों ने गांधी जी की हत्या कर दी थी और आज उनके लोग (बीजेपी) उनकी बात करते हैं। जिसके बाद राहुल गांधी के खिलाफ शिकायत दर्ज की गई थी। 2015 में गांधी ने सुप्रीम कोर्ट से उनके खिलाफ क्रिमिनल केस को खत्म करने की मांग की थी।