Rahul Gandhi on Maharashtra Elections: लोकसभा में नेता विपक्ष राहुल गाधी महाराष्ट्र चुनाव को लेकर एक बार फिर आक्रामक हो गए हैं। उन्होंने कहा कि स्टेप बाई स्टेप बताया कि महाराष्ट्र विधानसभा चुनाव के नतीजों में कैसे धांधली की गई और बीजेपी को फायदा पहुंचाया गया। उन्होंने इसे ‘चुनाव कैसे चुराया जाए?’ नाम दिया। राहुल ने इसे मैच फिक्सिंग बताया है। राहुल के आरोपों पर बीजेपी ने पलटवार किया है और मोर्चा सीधे महाराष्ट्र के सीएम देवेंद्र फडणवीस ने संभाला है।
दरअसल, इंडियन एक्सप्रेस में प्रकाशित एक लेख में राहुल ने टाइटल ‘मैच-फिक्सिंग महाराष्ट्र’ दिया। राहुल ने अपने ही इस आर्टिकल कोनसोशल मीडिया प्लेटफॉर्म X पर शेयर किया। इसमें उन्होंने ‘चुनाव कैसे चुराया जाता है?’ के नाम से एक-एक चरण में बताया कि उनके अनुसार यह चुनाव कैसे गड़बड़ाया।
राहुल ने एक्स पर शेयर किया अपना पोस्ट
लोकसभा में नेता विपक्ष राहुल गांधी ने अपने X पर लिखा है कि 2024 के महाराष्ट्र विधानसभा चुनाव लोकतंत्र को नुकसान पहुंचाने की एक सुनियोजित योजना थी। उन्होंने ट्वीट में आगे यह भी दावा किया कि बीजेपी की नजर अब बिहार विधानसभा चुनाव पर है, जो इस साल के अंत में होने वाले हैं।
राहुल ने कहा- महाराष्ट्र में मैच फिक्सिंग
कांग्रेस नेता ने लिखा कि महाराष्ट्र में जो मैच-फिक्सिंग हुई, वही अब बिहार में होगी और फिर यह हर उस जगह पहुंचेगी, जहां बीजेपी हार रही है। उन्होंने आरोप लगाया है कि बीजेपी ने पांच फेज में रणनीति को लागू किया और महाराष्ट्र विधानसभा चुनाव और उसके नतीजों को प्रभावित किया। राहुल ने अपने लेख में कहा कि मोदी सरकार ने 2023 में चुनाव आयुक्तों की नियुक्ति से जुड़ा कानून बदलकर इसे केंद्र सरकार के पक्ष में झुका दिया था।
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राहुल ने इसे अंपायरों की नियुक्ति के लिए पैनल में हेरफेर’ करार दिया और कहा कि नए कानून के तहत बनाई गई चयन समिति में प्रधानमंत्री, एक केंद्रीय कैबिनेट मंत्री और लोकसभा में विपक्ष के नेता/सबसे बड़े विपक्षी दल के नेता शामिल हैं। यह चयन समिति फिर राष्ट्रपति को मुख्य चुनाव आयुक्त या चुनाव आयुक्तों के नाम की सिफारिश करती है।
कांग्रेस नेता राहुल ने सवाल उठाया कि चयन समिति से देश के मुख्य न्यायाधीश को हटाकर एक कैबिनेट मंत्री को क्यों रखा गया? उन्होंने लिखा कि अपने आप से पूछिए, कोई क्यों एक ऐसी निष्पक्ष संस्था से एक तटस्थ जज को हटाकर अपने आदमी को बैठाएगा?
राहुल ने स्टेप्स के साथ उठाए सवाल
राहुल गांधी ने अपने आर्टिकल के कैप्शन में लिखा कि चुनाव कैसे चुराया जाता है? 2024 के महाराष्ट्र विधानसभा चुनाव लोकतंत्र को नुकसान पहुंचाने की एक सुनियोजित योजना थी। मेरे लेख में यह बताया गया है कि यह सब कैसे हुआ? स्टेप बाय स्टेप…
1 : चुनाव आयोग की नियुक्ति करने वाले पैनल में गड़बड़ी करना।
2 : मतदाता सूची में फर्जी नाम जोड़ना।
3 : मतदान प्रतिशत को बढ़ा-चढ़ाकर दिखाना।
4 : जहां-जहां बीजेपी को जीत की जरूरत थी, वहीं फर्जी मतदान कराना।
5 : सबूतों को छिपाना।
राहुल ने आगे कहा कि यह समझना मुश्किल नहीं है कि महाराष्ट्र में बीजेपी इतनी बेताब क्यों थी, लेकिन धांधली करना मैच-फिक्सिंग जैसा है जो टीम धोखा देती है वो भले खेल जीत जाए, मगर इससे संस्थाओं को नुकसान पहुंचता है और जनता का नतीजों से भरोसा उठ जाता है।
देवेंद्र फडणवीस ने क्या बोला?
राहुल के सवालों पर महाराष्ट्र सीएम देवेंद्र फडणवीस ने करारा हमला बोला ह राहुल के ट्वीट पर फडणवीस ने कहा कि राहुल गांधी ने बिहार में अपनी हार स्वीकार कर ली है। जब तक राहुल गांधी जमीन पर नहीं उतरेंगे, तथ्यों को नहीं समझेंगे, खुद को और अपनी पार्टी को झूठा आश्वासन नहीं देंगे, तब तक उनकी पार्टी कभी नहीं जीत सकती।
देवेंद्र फडणवीस ने राहुल गांधी को लेकर कहा कि उन्हें जागना होगा और वास्तविकता को समझना होगा। अन्यथा वे ऐसी बिन सिर-पैर की बातें करते रहेंगे। न तो राहुल गांधी समझते हैं कि वे क्या कह रहे हैं, न ही लोग समझते हैं कि वे क्या कह रहे हैं।
राहुल गांधी पर अमित मालवीय ने भी उठाए सवाल
वहीं राहुल गांधी के पोस्ट पर बीजेपी नेता अमित मालवीय ने एक्स पर रीपोस्ट किया और लिखा कि ऐसा नहीं है कि राहुल गांधी को यह नहीं पता कि चुनावी प्रक्रिया कैसे काम करती है। उन्हें बहुत अच्छे से पता है. लेकिन उनका मकसद स्पष्टता नहीं, बल्कि अराजकता फैलाना है. वे बार-बार जानबूझकर हमारे संस्थागत ढांचे को लेकर मतदाताओं के मन में शक और भ्रम के बीज बोने की कोशिश कर रहे हैं।
अमित मालवीय ने कहा कि जब कांग्रेस चुनाव जीतती है, चाहे वो तेलंगाना हो या कर्नाटक। तब यही सिस्टम न्यायपूर्ण और निष्पक्ष बताया जाता है लेकिन जब हार होती है। हरियाणा से लेकर महाराष्ट्र तक। तो रोना-धोना और षड्यंत्र के सिद्धांत शुरू हो जाते हैं, और वो भी हर बार।
अमित मालवीय ने आगे लिखा कि यह सब जॉर्ज सोरोस की रणनीति से लिया गया है। लोगों का अपनी ही संस्थाओं से भरोसा systematically खत्म करो, ताकि उन्हें अंदर से कमजोर करके राजनीतिक लाभ उठाया जा सके। भारत का लोकतंत्र मजबूत है। इसकी संस्थाएं सक्षम हैं और भारतीय मतदाता बुद्धिमान है, कितनी भी जोड़तोड़ कर ली जाए, यह सच्चाई नहीं बदलेगी।
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