भूमि अध्यादेश के खिलाफ सोमवार से यहां दो दिवसीय विरोध प्रदर्शन करने वाले सामाजिक कार्यकर्ता अण्णा हजारे ने इस अध्यादेश को किसान विरोधी करार देते हुए रविवार को कहा कि दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल और कांग्रेस नेता राहुल गांधी इस आंदोलन में शामिल हो सकते हैं। लेकिन वे उनके साथ मंच साझा नहीं करेंगे। हजारे ने साफ किया कि वे किसी राजनीतिक दल के नेता के साथ मंच साझा नहीं करेंगे।
हजारे ने कहा कि उन्हें आम कार्यकर्ताओं के साथ बैठना होगा। इसके साथ ही 77 साल के हजारे ने यह भी कहा कि उन्होंने फोन पर केजरीवाल से बात की और वे सोमवार को उनसे मुलाकात करेंगे और आगे के कदम पर चर्चा करेंगे। उन्होंने कहा-यह अध्यादेश किसानों के खिलाफ है। कृषि प्रधान देश में जब किसानों का उत्पीड़न हो, लोगों को एकजुट होकर खड़े होना चाहिए। इसलिए हम चाहते हैं कि चाहे केजरीवाल की पार्टी हो या कोई अन्य विपक्षी पार्टी सभी कार्यकर्ताओं को इस आंदोलन को आगे बढ़ाने के लिए साथ मिलकर काम करना चाहिए। हजारे ने यह भी कहा कि दिल्ली के मुख्यमंत्री ने इस आंदोलन में शामिल होने की इच्छा जताई है।
हजारे ने एक चैनल पर कहा कि मैंने उनसे कहा कि कार्यकर्ता मंच पर न आएं, वे आंदोलन में शामिल हो सकते हैं। हम इस बारे में विस्तार से बात करेंगे क्योंकि मैं उनसे मुलाकात कर रहा हूं। हम बात करेंगे और अगला कदम तय करेंगे। कांग्रेस की ओर से उनके आंदोलन को समर्थन देने की इच्छा जताए जाने के बारे में पूछे जाने पर भ्रष्टाचार निरोधक कार्यकर्ता हजारे ने कहा कि राजनीतिक पार्टियां ऐसे आंदोलनों का इस्तेमाल चालाकी से एक-दूसरे के खिलाफ करती हैं। अगर कांग्रेस उपाध्यक्ष आंदोलन में शामिल होना चाहते हैं वे आकर आम जनता के बीच बैठ सकते हैं।
उन्होंने कहा-अगर कोई मुख्यमंत्री आना चाहता है और हमारे विरोध प्रदर्शन का हिस्सा बनना चाहता है तो वह आ सकता है। यह अध्यादेश किसानों के खिलाफ और उद्योग घरानों के पक्ष में है। ऐसा लगता है कि ‘अच्छे दिन’ केवल उद्योग घरानों के लिए आए हैं। हजारे किसान संघों के साथ मिलकर अध्यादेश के खिलाफ यहां जंतर मंतर पर दो दिवसीय विरोध प्रदर्शन करेंगे जो सोमवार से शुरू होगा जब संसद का बजट सत्र शुरू होगा।