Rahul Gandhi Maharashtra Elections: लोकसभा में विपक्ष के नेता राहुल गांधी के द्वारा महाराष्ट्र विधानसभा चुनाव 2024 के नतीजों को लेकर लगाए गए आरोपों को लेकर राजनीतिक बयानबाजी तेज हो गई है। इस मामले में चुनाव आयोग के आधिकारिक रूख का सभी को इंतजार है। द इंडियन एक्सप्रेस ने आयोग के सूत्रों के हवाले से बताया है कि चूंकि कांग्रेस सांसद ने अभी तक आयोग को पत्र नहीं लिखा है या बैठक बुलाने की मांग भी नहीं की है इसलिए जब वह ऐसा करेंगे तभी आयोग जवाब देगा।

क्या कहा था राहुल ने?

राहुल गांधी ने एक लेख में लिखा था कि महाराष्ट्र में 2019 और 2024 के विधानसभा चुनाव की तुलना में 2024 के लोकसभा और विधानसभा चुनाव के बीच वोटर्स की संख्या में काफी उछाल आया है। कांग्रेस नेता ने आरोप लगाया था कि अतिरिक्त वोटर्स 85 ऐसी विधानसभा सीटों पर बढ़े, जहां पर बीजेपी ने लोकसभा चुनाव में अच्छा प्रदर्शन नहीं किया था।

राहुल ने लगाए महाराष्ट्र चुनाव में धांधली के आरोप, नड्डा बोले- रोते रहो, ऐसी हरकतों से हारती कांग्रेस

सवालों के जवाब दे आयोग

राहुल गांधी ने इस लेख को लिखे जाने के बाद ट्वीट कर कहा कि अगर चुनाव आयोग के पास छिपाने के लिए कुछ नहीं है तो उनके द्वारा पूछे गए सवालों के जवाब दिए जाने चाहिए। राहुल ने मांग की कि महाराष्ट्र सहित सभी राज्यों के लोकसभा और विधानसभाओं के चुनावों की मतदाता सूची को प्रकाशित किया जाए और आयोग महाराष्ट्र के सभी मतदान केंद्रों की शाम 5 बजे के बाद की CCTV फुटेज जारी करे।

राहुल ने चुनाव आयोग से कहा था कि टालमटोल करने से आपकी विश्वसनीयता की रक्षा नहीं होगी लेकिन सच बोलने से ऐसा होगा।

बीजेपी नेताओं ने दिया राहुल को जवाब

राहुल गांधी के आरोपों का बीजेपी के राष्ट्रीय अध्यक्ष जेपी नड्डा, महाराष्ट्र के मुख्यमंत्री देवेंद्र फडणवीस और पार्टी के तमाम नेताओं ने जवाब दिया। नड्डा ने कहा कि इस तरह के आरोप लगाकर फर्जी नैरेटिव गढ़ने की कोशिश की जा रही है जबकि फडणवीस ने कहा है कि राहुल गांधी के लेख लिखने का कोई मतलब नहीं है और उनकी बात पर कोई ध्यान नहीं देगा।

विधानसभा चुनावों के साथ ही बिखर रहा विपक्ष? इंडिया गठबंधन के भविष्य पर उठने लगे सवाल

इस मामले में रविवार को चुनाव आयोग के सूत्रों ने बताया कि क्योंकि राहुल गांधी ने अभी तक अपनी चिताओं को चुनाव आयोग को पत्र लिखकर या बैठक बुलाने की मांग कर नहीं उठाया है। चुनाव आयोग के सूत्रों ने बताया कि प्रक्रिया यह है कि आयोग सहित कोई भी संवैधानिक संस्था औपचारिक रूप से तभी जवाब देगी, जब राहुल गांधी उसे पत्र लिखेंगे।

सूत्रों ने कहा कि यह अजीब है कि एक तरफ राहुल गांधी कहते हैं कि उनके द्वारा उठाए जा रहे मुद्दे बेहद गंभीर हैं लेकिन जब उनसे इन्हें लिखकर देने को कहा जाता है तो वे पीछे हट जाते हैं।

ज्ञानेश कुमार ने इस साल फरवरी में मुख्य चुनाव आयुक्त का पद संभाला था और इसके बाद उन्होंने कांग्रेस को 15 मई को बुलाया था। कांग्रेस के अलावा बाकी पांच राष्ट्रीय दलों के साथ चुनाव आयोग बैठक कर चुका है।

यह भी पढ़ें- ‘BJP आईटी सेल को पहले ही पता होती है चुनाव की तारीख’