Raghav Chadha Returns: लोकसभा चुनाव 2024 (Lok Sabha Elections 2024) को लेकर आखिरी तीन चरणों की वोटिंग बची है, जिसमें दिल्ली, पंजाब और हरियाणा जैसे राज्यों की सीटों भी शामिल हैं। ये तीनों ही राज्य आम आदमी पार्टी (AAP) के लिए बेहद अहम हैं लेकिन आम आदमी पार्टी, पहले दिल्ली के सीएम अरविंद केजरीवाल (Arvind Kejriwal) की गिरफ्तारी और फिर स्वाति मालीवाल विवाद के चलते मुसीबतों में घिरी हुई है। आम आदमी पार्टी का टाइम चुनाव प्रचार में कम और डैमेज कंट्रोल में ज्यादा खर्च हो रहा है। इन सबके बीच पार्टी के लिए एक राहत की खबर आई है, क्योंकि पार्टी के राज्यसभा सांसद और पॉपुलर चेहरे राघव चड्ढा (Raghav Chadha) की वतन वापसी हो गई है।
दरअसल, दावा किया जा रहा था कि अरविंद केजरीवाल के साथी राघव चड्ढा (Arvind Kejriwal Raghav Chadha) अपनी आंखों का इलाज कराने के लिए लंदन गए थे। दिलचस्प बात यह है कि अरविंद केजरीवाल की गिरफ्तारी के बाद से ही राघव चड्ढा चुप थे और इसी के चलते यह सवाल भी उठने लगे थे कि क्या राघव बीजेपी से संपर्क कर चुके हैं। हालांकि आज जब राघव वापस लौटे हैं तो सारे कयासों पर ब्रेक लग गया है क्योंकि वे वापसी के बाद सीधे आप संयोजक अरविंद केजरीवाल से ही मिलने गए।
आज केजरीवाल से मिलने पहुंचे थे राघव चड्ढा
आज सुबह ही खबर आई कि आम आदमी पार्टी के नेता राघव चड्ढा लंदन से वापस आ गए हैं और उन्होंने दिल्ली के सीएम अरविंद केजरीवाल से उनके आवास पर मुलाकात भी की है। हालांकि अभी तक यह नहीं पता चला है कि राघव की अचानक केजरीवाल से यह मुलाकात क्योंक हुई, लेकिन इसे उनकी वापसी के बाद एक औपचारिक मुलाकात के तौर पर देखा जा रहा है।
राघव चड्ढा की वतन वापसी के चलते अब यह अहम सवाल उठ रहा है कि आखि राघव के आने से विवादों में घिरी आम आदमी पार्टी पर क्या असर पड़ेगा और क्या पार्टी को लोकसभा चुनाव के पहले राघव के आने से कोई खास फायदा होगा भी या नहीं।
वोटिंग से पहले पार्टी को राहत
लोकसभा चुनाव के लिए दिल्ली में 6वें चरण में 25 मई को वोटिंग होनी है। यहां की सात सीटों के लिए आम आदमी पार्टी ने कांग्रेस के साथ गठबंधन किया है। आम आदमी पार्टी के दिल्ली में 4 और कांग्रेस के 3 प्रत्याशी चुनावी मैदान में उतरे हैं। ऐसे में केजरीवाल का दिल्ली में वोटिंग से ठीक पहले चुनाव प्रचार के लिए जेल से बाहर आना अहम था। वैसे ही राघव चड्ढा की वतन वापसी भी आम आदमी पार्टी को एक अहम संजीवनी दे सकती है।
मुखर वक्ता के चलते कम होंगी मुश्किलें?
राघव आप का राज्यसभा में प्रतिनिधित्व करते हैं और पार्टी पहले ही एक राज्यसभा सांसद स्वाति मालीवाल द्वारा लगाए गए आरोपों के चलते मुसीबतों का सामना कर रही है। ऐसे में राघव का आना पार्टी के लिहाज से और भी अहम हो गया है। राघव एक मुखर वक्ता के तौर पर जाने जाते हैं, जो कि हिंदी, अंग्रेजी के अलावा पंजाबी में भी खुलकर भाषण दे सकते हैं, जिसके चलते पंजाब में लोकसभा चुनाव के लिहाज से उनका चुनाव प्रचार में उतरना अहम हो सकता है।
पंजाब के चुनाव प्रचार में होगी अहम भूमिका
राघव पंजाब के इंचार्ज भी हैं और पिछले विधानसभा चुनाव में आम आदमी पार्टी ने पंजाब में जो एकतरफा जीत हासिल की थी, उसमें राघव चड्ढा की सबसे अहम भूमिका था। पंजाब की सरकार पर यह आरोप भी लगते रहे हैं कि सीएम भगवंत मान सरकार और पार्टी के सारे डिसीजन राघव चड्ढा के इशारे पर ही लेते हैं। यह आरोप बताता है कि आम आदमी पार्टी के लिए राघव चड्ढा सबसे अहम हैं और उनका वापस आना पंजाब में एक जून को होने वाली वोटिंग से पहले आम आदमी पार्टी के लिए संजीवनी की तरह है।
पार्टी को एकजुट करने में मिलेगी मदद
आम आदमी पार्टी फिलहाल के कई बड़े नेता मुसीबतों में हैं। दिल्ली के पूर्व डिप्टी सीएम मनीष सिसोदिया पिछले एक साल से ज्यादा समय से जेल में हैं। दूसरी ओर सत्येंद्र जैन भी जेल में ही हैं। दिल्ली के सीएम अरविंद केजरीवाल को 21 दिन की जमानत पर चुनाव प्रचार के लिए छोड़ा तो गया है, लेकिन वह भी 2 जून को वापस जेल जाएंगे।
ऐसे में आम आदमी पार्टी दिल्ली से लेकर पंजाब तक में नेतृत्व के मोर्च पर एक खालीपन का सामना कर रही है। इसके चलते राघव चड्ढा का वापस आना पार्टी को एकजुट रखने के लिहाज से भी फायदा पहुंचा सकता है, क्योंकि केजरीवाल के बाद राघव चड्ढा दूसरे सबसे पॉपुलर फेस हैं।
