प्रधान न्‍यायाधीश की अध्‍यक्षता वाली सुप्रीम कोर्ट बेंच ने राफेल मामले में 29 पन्‍नों का फैसला सुनाया है। फैसले में कहा गया कि राफेल की कीमत से जुड़ी जानकारियां भारत के नियंत्रक एवं महालेखापरीक्षक (CAG) से साझा की गई थीं, जिसने बाद में लोक लेखा समिति (PAC) को अपनी रिपोर्ट सौंपी। हालांकि पीएससी चेयरमैन मल्लिकार्जुन खड़गे ने कहा कि उनके पास ऐसी कोई रिपोर्ट नहीं आई है और “सीएजी को भी इस बारे में पता नहीं है।” इस बारे में पूछे जाने पर केंद्रीय मंत्री अरुण जेटली ने कहा, “मुझे लगता है कि खरीद प्रक्रिया से जुड़ी फैसले के हिस्‍सों या निर्देशों पर हमें टिप्‍पणी का अधिकार नहीं है। अगर इस बारे में कुछ करने की जरूरत होगी तो वकील इसका (फैसले का) आंकलन करेंगे और जो जरूरी होगा, वह करेंगे।”

फैसले के पैरा 25 (पेज 21) में बेंच ने कहा, “हमारे सामने पेश किए दस्‍तावेज दर्शाते हैं कि सरकार ने इस आधार पर कि कीमत के खुलासे से राष्‍ट्रीय सुरक्षा प्रभावित हो सकती है और दोनों देशों के बीच समझौते का उल्‍लंघन होगा, एअरक्राफ्ट की मूल कीमत के अलावा और किसी खर्च का खुलासा नहीं किया है, यहां तक कि संसद को भी नहीं। हालांकि कीमतों की जानकारी नियंत्रक एवं महालेखापरीक्षक से साझा की गई है और सीएजी की रिपोर्ट का लोक लेखा समिति ने अध्‍ययन किया है। रिपोर्ट का संशोधित हिस्‍सा संसद के सामने पेश किया गया और फिर सार्वजनिक किया गया।”

फैसले के इसी हिस्‍से का जिक्र करते हुए कांग्रेस अध्‍यक्ष राहुल गांधी ने दावा किया कि फैसले का यही ‘आधार’ है। अदालत ने पेज 22 पर कहा है कि उसने कीमतों, बढ़े खर्च और ”आइटम के अनुसार लागत” पर नोट की ”बारीकी से” जांच की है। खड़गे ने कहा, “ऐसी किसी रिपोर्ट के बारे में सीएजी के पास कोई जानकारी नहीं है।” खड़गे ने कहा कि शुक्रवार को पीएसी की बैठक में “उन्‍होंने डिप्‍टी सीएजी” से इस बारे में पूछा था।

कांग्रेस अध्‍यक्ष के साथ प्रेस कॉन्‍फ्रेंस में खड़गे ने कहा, “मैंने उनसे (डिप्‍टी सीएजी) पूछा कि ऐसा कैसे हुआ… क्‍या किसी ने मेरे फर्जी हस्‍ताक्षर किए? जब सीएजी के पास (रिपोर्ट) नहीं है तो पीएसी को मिलने का सवाल ही नहीं उठता।” उन्‍होंने कहा कि जब सीएजी रिपोर्ट पीएसी के पास आती है तो वह इसे छिपा नहीं सकती और संसद के सामने रखना ही होता है।

खड़गे ने कहा, “जब यह (रिपोर्ट) संसद में आएगी तभी सार्वजनिक होगी। अभी यह रिपोर्ट सावर्जनिक नहीं है तो ये रिपोर्ट कहां से आई है? इसे किसने दिया? कानून कहता है कि जब तक रिपोर्ट सदन में पेश नहीं होती, तब तक इस बारे में किसी को चर्चा का अधिकार नहीं है।” राहुल ने कहा कि “ऐसा कैसे है कि फैसले का आधार यह है कि सीएजी रिपोर्ट में कीमत पर चर्चा हुई है और पीएसी चेयरमैन ने अब तक सीएजी रिपोर्ट देखी तक नहीं। समिति के किसी सदस्‍य ने इसे नहीं देखा लेकिन सुप्रीम कोर्ट ने देख लिया। मुझे समझ में नहीं आ रहा।”