अंग्रेजों को भारत छोड़ने के लिए विवश कर देने वाले भारत छोड़ो आंदोलन की शुरुआत आज (नौ अगस्त) ही के दिन हुई थी। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने गुरुवार को इसे लेकर सोशल मीडिया पर एक ऐतिहासिक दस्तावेज साझा किया। पीएम ने इसके जरिए बताना चाहा कि बापू ने अंग्रेजों के खिलाफ जो बिगुल फूंका था, वह कितना व्यापक स्तर पर था। पीएम ने ट्वीट करते हुए लिखा, “महात्मा गांधी के बिगुल ने तब राष्ट्र को प्रेरित किया था। यहां एक और आधिकारिक रिपोर्ट है, जो दर्शाती है कि भारत छोड़ो आंदोलन कितने बड़े स्तर पर फैला हुआ था और किस पैमाने पर लोगों ने उसमें हिस्सा लिया था।”
पीएम ने जो दस्तावेज साझा किया, उसमें बताया गया है कि 9 अगस्त 1942 को किस जगह पर क्या हुआ था। उसी रिपोर्ट के मुताबिक, बॉम्बे शहर में तब गांधी और कांग्रेस की वर्किंग कमेटी के सदस्यों को गिरफ्तार कर लिया गया था। बसों, गाड़ियों और अन्य वाहनों को फूंकने के प्रयास किए गए थे। भीड़ को आंसू गैस के गोले फेंक कर तितर बितर किया गया था। 15 विभिन्न जगहों पर पुलिस फायरिंग में आठ लोगों की जान गई थी, जबकि 44 जख्मी हुए थे।
रिपोर्ट में आगे बताया गया, अहमदाबाद में मिलों में हड़ताल की गई थीं। पुलिस की फायरिंग में एक शख्स की जान गई थी, जबकि एक गंभीर हुआ था। पुणे में भी पुलिस ने भीड़ पर गोली चला दी थी, जहां एक शख्स की मृत्यु हो गई थी। उत्तर प्रदेश में कांग्रेस के नेताओं को गिरफ्तार कर लिया गया था। पंजाब में अमृतसर समेत कुछ अन्य जगहों पर बैठकें हुई थीं। वहीं, बिहार में राजेंद्र प्रसाद सरीखे नेताओं को पुलिस ने गिरफ्तार कर लिया था।
Mahatma Gandhi’s clarion call galvanised the nation.
Here is another official report indicating the spread of the Quit India movement and the wide-scale participation. pic.twitter.com/bmUOyaHhA4
— Narendra Modi (@narendramodi) August 9, 2018
क्या था आंदोलन और किसने दिया था नारा? इस आंदोलन का उद्देश्य भारत को अंग्रेजी हुकूमत से आजादी दिलाना था। बापू ने इसकी शुरुआत अखिल भारतीय कांग्रेस समिति के मुंबई अधिवेशन से शुरू की थी। आंदोलन के समय इससे जुड़ा नारा- ‘भारत छोड़ो’ भी काफी प्रचलित हुआ था। यह नारा बापू के करीबी रहे कांग्रेसी नेता यूसुफ मेहराली ने दिया था। के.गोपालस्वामी की किताब ‘गांधी एंड बॉम्बे’ में बताया गया है कि भारत छोड़ो आंदोलन गांधी के सामने यूसुफ ने पेश किया था।

