इस सुविधा के शुरू होने से यात्री अब टोकन के अलावा क्यूआर कोड आधारित पेपर टिकट का उपयोग कर सकेंगे। मेट्रो के इतिहास में यह पहला मौका है जबकि मेट्रो में टिकट के लिए कागज का इस्तेमाल हो रहा है।

इस सुविधा के लिए डीएमआरसी ने अपने एएफसी (आटोमैटिक फेयर कलेक्शन) गेट और टोकन उपभोक्ता देखभाल केंद्र को क्यूआर आधारित पेपर टिकटों से किराया काटने के लिए जरूरी इंतजाम के साथ अपग्रेड किया है। शुरू में क्यूआर आधारित पेपर टिकटों द्वारा यात्रा के लिए सभी स्टेशनों पर प्रवेश और निकास के लिए दो एएफसी गेटों को अद्यतन किया गया है।

इस महीने के अंत तक मोबाइल आधारित टिकट को भी शुरू करने का लक्ष्य रखा गया है। जिससे यात्रियों का सफर और अधिक निर्बाध, आसान व उनके समय की भी बचत होगी क्योंकि इससे यात्रियों की स्टेशनों या काउंटरों पर भौतिक रूप से टिकट खरीदने की जरूरत समाप्त हो जाएगी।

वर्तमान में क्यूआर आधारित पेपर टिकट केवल एक स्टेशन से दूसरे स्टेशन के लिए ही जारी किया जाएगा। यदि यात्री किसी बीच के स्टेशन से बाहर निकलना चाहता है, यानी गंतव्य स्टेशन से पहले तो एएफसी गेट क्यूआर कोड आधारित पेपर टिकट का उपयोग करने से नहीं खुलेंगे, कस्टमर केयर आपरेटर के द्वारा यात्री को मुफ्त निकास टिकट जारी किया जाएगा।

और पुराने क्यूआर कोड टिकट को अपने पास पास जमा कर लेगा।

यदि कोई यात्री गंतव्य स्टेशन से आगे किसी भी स्टेशन से बाहर निकलना चाहता है, तो क्यूआर आधारित पेपर टिकट का उपयोग करके एएफसी गेट नहीं खुलेंगे। कम राशि (किराए का अंतर) के बराबर लागू अधिभार, यात्री से वसूल किया जाएगा। ‘कस्टमर केयर आपरेटर’ फिर बाहर निकालने के उद्देश्य से एक निकास टिकट जारी करेगा और पुराने क्यूआर आधारित पेपर टिकट को अपने पास रखेगा।

‘क्यूआर’ टिकट का उपयोग कैसे करें

‘क्यूआर’ टिकट से यात्री केवल उसी स्टेशन से प्रवेश कर सकेंगे जहां से क्यूआर कोड आधारित टिकट (नान-रिफंडेबल) जारी किया गया है। जारी करने वाले स्टेशन के अलावा अन्य स्टेशनों से प्रवेश की अनुमति नहीं है। इसमें कोई दिक्कत आने की स्थिति में, निर्धारित प्रक्रिया के अनुसार एएफसी गेट्स पर तय किराया लागू करके टिकट का नियमानुसार भुगतान किया जाएगा।

यात्री यह टिकट जारी होने के 60 मिनट के भीतर ही मेट्रो में प्रवेश कर सकेंगे। तय समय में मेट्रो प्रणाली में प्रवेश नही किया तो वह टिकट अमान्य हो जाएगा और न तो यात्री को स्टेशन से प्रवेश मिलेगा और न ही कोई किराया वापस किया जाएगा।