पप्पू यादव ने पत्र में लिखा है कि गुटखा और तंबाकू सेवन का मुद्दा बेहद संवेदनशील है और इसने हमारे समाज खासकर गरीब और श्रमिक वर्ग की जिंदगी को खोखला कर दिया है।
बिहार के चर्चित नेताओं में शुमार पप्पू यादव ने कहा है कि छोटे-छोटे पैकेट में बिकने वाला यह जहर लाखों परिवारों को मौत और तबाही की ओर धकेल रहा है। पत्र में लिखा है, “रिक्शा चालक, मजदूर, खेतिहर किसान, दिहाड़ी मजदूर, फुटपाथ पर जीवन बिताने वाले लोग सबसे अधिक इसके शिकार बनते हैं और ये पहले से ही गरीबी, बेरोजगारी और शिक्षा की कमी से जूझ रहे हैं।”
निर्दलीय सांसद ने अपने पत्र में लिखा है, “यह केवल स्वास्थ्य की समस्या नहीं बल्कि सामाजिक और आर्थिक विनाश की गाथा है। गुटखे में पाए जाने वाले 28 तरह के कैंसर करने वाले रसायन मुंह और गले के कैंसर, हृदय रोग, स्ट्रोक और अनेक घातक बीमारियों का कारण बनते हैं।”
आज की ताजा खबर, हिंदी न्यूज 3 सितंबर 2025 LIVE:
सांसद ने दिया आंकड़ों का हवाला
पप्पू यादव ने आंकड़ों का हवाला देते हुए कहा है कि भारत में हर साल लगभग 50000 से अधिक लोगों की मौत कैंसर से हो जाती है। पप्पू यादव के मुताबिक, “पिछले 15 सालों में गुटखा, तंबाकू की वजह से देश भर में लगभग 57 लाख लोग अपनी जान गंवा चुके हैं और दुनिया भर के स्तर पर यह संख्या हर साल 6.5 लाख से भी ज्यादा है।”
लाखों परिवारों की जिंदगी और भविष्य का सवाल
यादव ने लिखा है, “गांवों और कस्बों में जहां स्वास्थ्य सुविधाएं सीमित हैं, वहां कैंसर और गंभीर बीमारियों का उपचार संभव नहीं हो पाता। बड़े अस्पतालों में इलाज इतना महंगा है कि आम आदमी इलाज कराने के बजाय लाचारी और मौत को गले लगाने पर मजबूर हो जाता है… यह लाखों परिवारों की जिंदगी और भविष्य का प्रश्न है। जब सरकार ने शराब ड्रग्स और अन्य मादक पदार्थों पर नियंत्रण स्थापित किया है तो गुटखा जैसे जहर को वैध उत्पाद मानना किसी भी तरह से न्यायसंगत नहीं है।”
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