सीनियर IPS वीरेश कुमार भावरा को पंजाब पुलिस का नया महानिदेशक नियुक्त किया गया है। पंजाब समेत पांच राज्यों में विधानसभा चुनावों के लिए तारीखों की घोषणा से कुछ घंटों पहले यह आदेश आया है। पंजाब होमगार्ड्स के डीजीपी रहे भावरा ने डीजीपी सिद्धार्थ चट्टोपाध्याय का स्थान लिया है।

चरणजीत सिंह चन्नी के नेतृत्व वाली सरकार ने 1987 बैच के आईपीएस अधिकारी को उन तीन अधिकारियों की सूची में से चुना जो संघ लोक सेवा आयोग द्वारा दी गई थी। आदेश में कहा गया है कि यूपीएससी द्वारा भेजी गयी सूची पर विचार करने के बाद पंजाब के राज्यपाल ने पंजाब के पुलिस महानिदेशक के तौर पर आईपीएस विरेश कुमार भावरा की नियुक्ति की है। आदेश के मुताबिक उनका कार्यकाल न्यूनतम दो वर्ष का होगा।

पंजाब में तीन महीनों में तीसरे डीजीपी की नियुक्ति की गयी है। कुछ दिनों पहले यूपीएससी ने तीन आईपीएस अधिकारियों – दिनकर गुप्ता, वीके भावरा और प्रबोध कुमार के नामों की सूची पंजाब के पुलिस महानिदेशक की नियुक्ति के लिए भेजी थी। सुप्रीम कोर्ट के निर्देशों के अनुसार यूपीएससी द्वारा चुने गए तीन आईपीएस अधिकारियों में से राज्य सरकार को नियमित डीजीपी के पद पर एक अधिकारी का नाम तय करना होता है।

पंजाब सरकार ने तीन अधिकारियों की सूची के चयन के लिए सिद्धार्थ चट्टापोध्याय समेत 10 आईपीएस अधिकारियों की सूची भेजी थी। सुप्रीम कोर्ट के दिशा निर्देशों के अनुसार जिस अधिकारी के सेवा के कम से कम छह महीने बचे रहते हैं उनके नाम पर डीजीपी के पद के लिए विचार किया जा सकता है।

चन्नी के पिछले साल सितंबर में पंजाब के नए मुख्यमंत्री के तौर पर पदभार संभालने के बाद 1988 बैच के आईपीएस अधिकारी इकबाल प्रीत सिंह सहोता को डीजीपी नियुक्त किया गया था। लेकिन कांग्रेस की पंजाब ईकाई के प्रमुख नवजोत सिंह सिद्धू सहोता की नियुक्ति के खिलाफ थे। दबाव के बाद राज्य सरकार ने 1986 बैच के आईपीएस अधिकारी सिद्धार्थ चट्टोपाध्याय को डीजीपी नियुक्त किया था।

उधर, चट्टोपोध्याय के साथ 13 अन्य पुलिस तथा प्रशासनिक अधिकारी शुक्रवार को फिरोजपुर में केंद्रीय गृह मंत्रालय द्वारा गठित तीन सदस्यीय समिति के समक्ष पेश हुए। यह समिति प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के फिरोजपुर दौरे के दौरान सुरक्षा में हुई गंभीर चूक की जांच कर रही है।