पंजाब में नफरत का जहर घोलने की खालिस्तानी आतंकियों की साजिश को पुलिस ने सुलझा लेने का दावा किया है। पंजाब पुलिस ने इस मामले के खुलासे के लिए 50 लाख रुपये का इनाम घोषित किया था। पुलिस ने इस मामले में एक आरोपी को गिरफ्तार किया है जबकि दूसरे की तलाश की जा रही है। बता दें कि ग्रेनेड से किए गए इस आतंकी हमले में तीन लोगों की मौत हो गई थी जबकि नौ लोग घायल हुए थे।
मामले के खुलासे का ऐलान करने के लिए खुद पंजाब के मुख्यमंत्री कैप्टन अमरिंदर सिंह ने प्रेस कॉन्फ्रेंस की। कैप्टन अमरिंदर सिंह ने कहा,” मुझे ये बताते हुए खुशी हो रही है कि पुलिस ने दो आरोपियों में से एक को गिरफ्तार करने में सफलता हासिल की है। गिरफ्तार किए गए हमलावर की पहचान 26 साल के बिक्रमजीत सिंह के तौर पर हुई है। जबकि दूसरे को भी जल्दी ही गिरफ्तार किया जाएगा। उसका नाम अवतार सिंह है।”
There is no communal angle. It’s pure case of terrorism.They were targeted as they were easy targets.We had info in the past about other organisations being targeted but we took precautionary measures & prevented that:Punjab CM on #Amritsar blast at Nirankari Mission congregation pic.twitter.com/p4resLrxt6
— ANI (@ANI) November 21, 2018
कैप्टन अमरिंदर सिंह ने बताया,” इस हमले की तैयारी काफी पहले शुरू कर दी गई थी। अमृतसर के राजासांसी में धमाके से पहले ही पटियाला से गिरफ्तार किए गए खालिस्तानी गदब कूट के आतंकी शबनमदीप सिंह ने स्लीपर सेल के जरिए दो लड़कों को निरंकारी भवन पर हमले के लिए पैसे देकर तैयार किया था।” कैप्टन अमरिंदर सिंह ने कहा,”इस हमले में कोई भी सांप्रदायिक एंगल नहीं है। ये पूरी तरह से आतंकवादी हमला है। उन्हें निशाना बनाया गया क्योंकि उन्हें निशाना बनाना आसान है। हमें पहले से उनके संगठन के बारे में जानकारी थी क्योंकि पहले भी उन्हें निशाना बनाया गया था। लेकिन हमें सुरक्षात्मक उपाय अपनाए और उन्हें रोकने में कामयाब रहे।”
पंजाब पुलिस के मुताबिक, निरंकारी भवन पर आतंकी हमले की वारदात में खालिस्तानी के भगोड़े आतंकी हरमीत सिंह हैप्पी उर्फ पीएचडी का हाथ है। हैप्पी ने ही अपने स्लीपर सेल के जरिए इलाके के दो लड़कों को पाकिस्तानी सेना के द्वारा इस्तेमाल किए जाने वाले एचई—36 श्रेणी के ग्रेनेड को उपलब्ध करवाया था। पंजाब पुलिस के रिकॉर्ड के मुताबिक, हैप्पी फिलहाल पाकिस्तान में रह रहा है।