पंजाब के मुख्यमंत्री भगवंत मान और राज्यपाल बनवारीलाल पुरोहित के बीच जारी विवाद थम नहीं रहा है। राज्यपाल ने मुख्यमंत्री मान पर पिछले विधानसभा सत्र में अपमानजनक बात करने का आरोप लगाते हुए कहा है कि इससे उनकी छवि को नुकसान हुआ है। राज्यपाल ने कहा कि भगवंत मान विधानसभा में ऐसा बोल गए हैं अगर अब बाहर उन्होंने ऐसा किया तो केस दर्ज किया जाएगा। CM भगवंत मान और राज्यपाल के बीच कई मुद्दों को लेकर विवाद लंबे समय से जारी है।
‘मुझे भगवंत मान ने निठल्ला बोला’
पंजाब के गवर्नर बनवारी लाल पुरोहित ने बयान देते हुए कहा, “आपने विधानसभा में मान द्वारा दिया गया अपमानजनक भाषण पढ़ा। उन्होंने मेरे खिलाफ अपमानजनक भाषा का इस्तेमाल करते हुए मुझे वेहला,निठल्ला कहा।”
हिंदुस्तान टाइम्स को दिए एक इंटरव्यू में राज्यपाल ने कहा, “मुख्यमंत्री को सदन में कुछ कानूनी सुरक्षा प्राप्त है। उन्हें बाहर मेरे खिलाफ ऐसी टिप्पणी करने दीजिए, जिस दिन वह ऐसा करेंगे, मैं अपने कार्यालय से उनके खिलाफ आपराधिक शिकायत दर्ज करने और भारतीय दंड संहिता की धारा 124 के तहत मामला दर्ज करने के लिए कहूंगा।”
गवर्नर ने कहा, “मुख्यमंत्री को अपनी भाषा का ध्यान रखना होगा वह बिना किसी कारण के मुझे गाली नहीं दे सकते। राज्यपाल के पास बहुत सारी शक्तियां होती हैं।”
राज्यपाल और मुख्यमंत्री के बीच जारी है विवाद
पिछले एक साल से आप सरकार और राज्यपाल बनवारी लाल पुरोहित के बीच कई विवादास्पद मुद्दों को लेकर टकराव चल रहा है। राज्यपाल ने भगवंत मान पर प्रशासनिक मामलों पर जानकारी मांगे जाने के बावजूद जवाब नहीं देने का आरोप लगाया है। इसके अलावा यह झगड़ा तब ज़्यादा बढ़ गया जब जून में दो दिवसीय विशेष विधानसभा सत्र में चार विधेयक पारित किए गए, उनमें से एक राज्य विश्वविद्यालयों में कुलपतियों की नियुक्ति के लिए राज्यपाल की शक्तियों को छीनने वाला था। पुरोहित ने सत्र को स्पष्ट रूप से अवैध करार दिया था, यह कहते हुए कि इसने संवैधानिक प्रावधानों का उल्लंघन किया है।
बनवारी लाल पुरोहित ने मान सरकार पर संविधान की धारा 167 का उल्लंघन करने का आरोप लगाया। जिसमें कहा गया है कि मुख्यमंत्री राज्यपाल द्वारा मांगी गई किसी भी प्रशासनिक जानकारी को पेश करने के लिए बाध्य हैं। उन्होंने कहा, “यहां तक कि मार्च में सुप्रीम कोर्ट ने भी उन्हें इस संवैधानिक प्रावधान का सम्मान करने की सलाह दी थी लेकिन उन्होंने ऐसा नहीं किया।” राज्यपाल बनवारी लाल पुरोहित ने आगे कहा,”मुख्यमंत्री को 10 से 15 पत्र लिखे थे, लेकिन कोई जवाब नहीं मिला या अधूरा जवाब मिला, मान सरकार संविधान के खिलाफ हैं और जैसे ही मैं कोई जानकारी मांगता हूं, नाराज हो जाते हैं।”
यह कहते हुए कि उनके सभी कार्य संविधान के दायरे में हैं, पुरोहित ने मान के बयान का विरोध किया कि वह केवल तीन करोड़ पंजाबियों के प्रति जवाबदेह हैं, राजभवन के प्रति नहीं। “लेकिन उन्हें राज्य को संविधान के अनुसार चलाना है, अपनी सनक के अनुसार नहीं। पुरोहित ने कहा, “आप बादशाह थोड़े हो।”