पंजाब के फरीदकोट स्थित गुरु गोबिंद सिंह मेडिकल कॉलेज और हॉस्पिटल में छात्रों ने आर्ट ऑफ लिविंग के संस्थापक श्रीश्री रविशंकर को लेकचर देने के लिए बुलाए जाने का विरोध किया। पंजाब स्टूडेंट्स यूनियन के छात्रों ने यूनिवर्सिटी पहुंचने पर रविशंकर और यूनिवर्सिटी के वीसी के खिलाफ भी नारेबाजी की।
छात्रों का विरोध उस समय शुरू हुआ जब रविशंकर यूनिवर्सिटी के ऑडिटोरियम में मौजूद स्टूडेंट्स को संबोधित कर रहे थे। गुरु गोबिंद सिंह मेडिकल कॉलेज और हॉस्पिटल बाबा फरीद यूनिवर्सिटी ऑफ हेल्थ साइंसेज के अंतर्गत आता है। रविशंकर और यूनिवर्सिटी के वाइस चांसलर डॉ. राज बहादुर के खिलाफ नारेबाजी करते हुए छात्रों का कहना था कि ऐसे वक्ता का यूनिवर्सिटी में स्वागत किए जाने की जरूरत नहीं है।
छात्रों ने कहा कि वीसी यूनिवर्सिटी को भगवा माहौल में रंगने का प्रयास कर रहे है। इसके लिए आरएसएस की विचारधारा का समर्थन करने वाले लोगों को आमंत्रित किया जा रहा है। स्टूडेंट्स यूनियन के छात्रों ने रविशंकर का घेराव करने का भी आह्वान किया था। वे लोग उस डॉक्टर की गिरफ्तार की मांग कर रहे थे जिस पर कथित रूप से यौन उत्पीड़न का आरोप लगाते हुए एक महिला डॉक्टर एक सप्ताह से धरने पर बैठी हुई है।
छात्रों का कहना था कि वीसी आरोपी डॉक्टर का बचाव कर रहे है। इस मामले में महिला डॉक्टर के आरोपों को गंभीरता से नहीं लिया जा रहा है। कार्यक्रम के दौरान ही एक छात्रा हरवीर कौर ने वीसी और रविशंकर के खिलाफ ऑडिटोरियम में ही नारेबाजी की। उस समय ड्यूटी पर मौजूद सुरक्षा कर्मियों ने उसे ऑडिटोरियम से बाहर निकाल दिया। इस दौरान रविशंकर ने सुरक्षाकर्मियों से लड़की को छोड़न और उसे अपनी बात कहने का मौका देने को कहा।
पंजाब छात्र यूनियन के राज्य सचिव गगन संग्रामी ने कहा कि रवि शंकर ने बयान दिया था कि सरकारी स्कूल और कॉलेजों को बंद कर देना चाहिए क्योंकि ये नक्सलियों को पैदा करते हैं। हम ऐसे वक्ता को मेडिकल यूनिवर्सिटी या कॉलेज में सहन नहीं कर सकते हैं। घटना के बाद फरीदकोट की पुलिस ने करीब 50-60 छात्रों को हिरासत में ले लिया।
फरीदकोट एसएसपी मंजीत सिंह ने कहा कि हमने कुछ छात्रों को हिरासत में लिया था जिन्हें बाद में छोड़ दिया गया। इस मामले में किसी को भी गिरफ्तार नहीं किया गया है।