Punjab Vigilance Chief Suspended: पंजाब सरकार ने विजिलेंस के चीफ डायरेक्टर एडीजीपी एसपीएस परमार, फ्लाइंग स्क्वॉयड एआईजी स्वर्नदीप सिंह और जालंधर विजिलेंस ब्यूरो एसएसपी हरप्रीत सिंह को सस्पेंड कर दिया है। सरकार ने यह कार्रवाई ड्राइविंग लाइसेंस घोटाले में की है।
दैनिक भास्कर की रिपोर्ट के मुताबिक, विजिलेंस चीफ एसपीएस परमार 1997 बैच के सीनियर आईपीएस अधिकारी हैं। उन्हें 26 मार्च को विजिलेंस डायरेक्टर नियुक्त किया गया था। तब सरकार ने जी. नागेश्वर राव को हटाया था। उस वक्त परमार ADGP लॉ एंड ऑर्डर थे। इनकी जगह 1994 बैच के IPS अधिकारी ADGP एनआरआई प्रवीण कुमार को विजिलेंस ब्यूरो की अतिरिक्त जिम्मेदारी सौंपी गई है। इसके अलावा वह ADGP इंटेलिजेंस की भी जिम्मेदारी संभालेंगे।
पंजाब की AAP सरकार के प्रवक्ता के मुताबिक, इन अधिकारियों ने इस घोटाले में कार्रवाई को रोकने की कोशिश की। इस कार्रवाई को लेकर सीएम भगवंत मान ने कहा कि भ्रष्टाचारियों को जो भी बचाएगा, वह नहीं बचेगा।
मुख्यमंत्री हेल्पलाइन पर आ रही थी शिकायतें
मुख्यमंत्री की भ्रष्टाचार विरोधी एक्शन लाइन पर मिली कई शिकायतों के बाद यह छापेमारी की गई थी। फ्लाइंग स्क्वॉड और आर्थिक अपराध शाखा (EOW) समेत विजिलेंस ब्यूरो की विभिन्न रेंजों ने यह कार्रवाई की। जिन RTA अधिकारियों और एजेंटों को पकड़ा गया है, वे ड्राइविंग लाइसेंस प्रक्रिया में तेजी लाने या टेस्ट के नतीजों में गड़बड़ी करने के एवज में अवैध रूप से पैसे वसूल रहे थे।
7 अप्रैल को RTA दफ्तरों की चेकिंग की थी
जानकारी के मुताबिक, 7 अप्रैल को रीजनल ट्रांसपोर्ट अथॉरिटी (RTA) के दफ्तरों और ड्राइविंग टेस्ट केंद्रों पर छापेमारी की। इस दौरान रिश्वतखोरी और अन्य खामियों में शामिल 24 व्यक्तियों को गिरफ्तार किया गया। इस दौरान कुल 16 FIR दर्ज की गईं और अधिकारियों ने एजेंटों से 40 हजार 900 रुपए नकद बरामद किए। सरकार ने दावा किया है कि यह राशि ड्राइविंग लाइसेंस, टेस्ट व अन्य सेवाएं दिलवाने के एवज में वसूलते थे। इस मामले की अभी जांच चल रही थी।
जब विजिलेंस की जांच आगे बढ़ी तो कुछ वरिष्ठ परिवहन अधिकारियों के नाम भी सामने आए। एक अधिकारी रमनदीप सिंह ढिल्लों को गिरफ्तार कर लिया गया है और दो अन्य अधिकारी प्रदीप सिंह ढिल्लों आरटीओ मोहाली और रविंदर कुमार बंसल आरटीओ एसबीएस नगर फरार हैं। सबूतों की उपलब्धता के बावजूद, इन अधिकारियों के विरुद्ध कोई तुरंत कार्रवाई अमल में नहीं लाई गई।
कारण बताओ नोटिस
इस देरी के लिए विजिलेंस ब्यूरो के प्रमुख एसपीएस परमार को कारण बताओ नोटिस जारी किया गया था। हालांकि नोटिस के बाद भी कोई कार्रवाई नहीं की गई। कोई भी कार्रवाई न होने की सूरत में सरकार के दरमियान गंभीर चिंताएं पैदा हुईं। यह भी शक है कि विजिलेंस ब्यूरो के अंदर से जानकारी लीक हो सकती है और दोषी भाग सकते हैं। एक विस्तृत समीक्षा के बाद पंजाब सरकार द्वारा परमार को उच्च स्तर पर लापरवाही और भ्रष्टाचार के विरुद्ध कार्रवाई करने में असफल रहने के लिए निलंबित करने का फैसला लिया गया। इसके बाद दो अन्य अधिकारियों को सस्पेंड किया गया।
गिरफ्तारी वारंट जारी
7 अप्रैल को विजिलेंस द्वारा रेड के बाद मोहाली के RTO प्रदीप कुमार को भी केस में नामजद किया गया था। वह अभी तक फरार चल रहे हैं। वहीं, इस मामले में विजिलेंस ब्यूरो ने मोहाली अदालत की शरण ली है। अदालत ने आरोपी के गिरफ्तारी वारंट जारी किए थे।
पहले डीसी को किया था सस्पेंड, विजिलेंस प्रमुख को हटाया था
इससे पहले पंजाब सरकार की तरफ से 17 फरवरी को मुक्तसर साहिब के DC राजेश त्रिपाठी को सस्पेंड किया था। उन पर भ्रष्टाचार के आरोप थे। इस मामले की जांच विजिलेंस को सौंपी थी। साथ ही विजिलेंस ब्यूरो के प्रमुख वरिंदर कुमार को हटाकर जी नागेश्वर को लगाया गया था।
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