‘दिल्ली चलो’ आंदोलन में भाग लेने वाले किसान नेताओं ने शुक्रवार को बड़ा ऐलान किया। किसान नेताओं ने कहा कि हरियाणा पुलिस और पंजाब के किसानों के बीच झड़प के दौरान मारे गए शुभकरण सिंह का अंतिम संस्कार तब तक नहीं होगा जब तक पंजाब सरकार इसके लिए जिम्मेदार लोगों के खिलाफ एफआईआर दर्ज नहीं करती। इससे पहले पंजाब के मुख्यमंत्री भगवंत मान ने शुभकरण की बहन के लिए सरकारी नौकरी और परिजनों के लिए एक करोड़ रुपये के मुआवजे की घोषणा की थी।

शुभकरण सिंह की खनौरी बॉर्डर पर हुई थी मौत

बठिंडा के मूल निवासी 21 वर्षीय शुभकरण सिंह की बुधवार को हरियाणा पुलिस और पंजाब के किसानों के बीच झड़प के बीच पंजाब-हरियाणा सीमा पर खनौरी बॉर्डर पर मौत हो गई थी। यह घटना तब हुई जब किसान बैरिकेड्स की ओर बढ़े। इसके बाद पुलिस के साथ उनकी झड़प हो गई।

पटियाला स्थित राजिंदरा अस्पताल के चिकित्सा अधीक्षक के अनुसार शुभकरण के सिर पर चोट लगी थी। किसानों द्वारा अपनी मांगें मानने के लिए दबाव डालने के कारण पोस्टमार्टम में भी देरी हुई। किसान नेता सरवन सिंह पंढेर ने पटियाला में पत्रकारों से बात करते हुए कहा कि पंजाब के मुख्यमंत्री ने कहा था कि शुभकरण की मौत के लिए जिम्मेदार लोगों के खिलाफ कड़ी कार्रवाई की जाएगी। लेकिन अब अधिकारी कह रहे हैं कि यह संभव नहीं है।

सरवन सिंह पंढेर ने पंजाब सरकार के अधिकारियों पर आरोप लगाते हुए कहा, “हमने (शुभकरण) परिवार से कहा है कि इसमें दो दिन या 10 दिन लग सकते हैं। हमारे लिए पैसा महत्वपूर्ण नहीं है। हम मांग कर रहे हैं कि एफआईआर दर्ज की जाए और फिर दाह संस्कार किया जाएगा।”

पंजाब सरकार पर बरसे किसान नेता

एक सवाल के जवाब में किसान मजदूर मोर्चा के साथ ‘दिल्ली चलो’ मार्च का नेतृत्व कर रहे एसकेएम के नेता जगजीत सिंह डल्लेवाल ने दावा किया कि बठिंडा के वरिष्ठ पुलिस अधीक्षक ने कहा है कि पुलिस हरियाणा के सुरक्षाकर्मियों के खिलाफ मामला दर्ज नहीं कर सकी है। डल्लेवाल ने कहा, “अगर आप मामला दर्ज नहीं कर सकते, तो आप खुद को ‘Punjab de rakhe’ (पंजाब का रक्षक) कैसे कह सकते हैं।”