चंडीगढ़ में आज किसान मार्च करने वाले हैं लेकिन भगवंत मान के नेतृत्व वाली पंजाब सरकार ने उन्हें रोकने की पूरी तैयारी कर ली है। पुलिस ने अलग-अलग नाके पर पॉइंट बनाए हैं और किसानों को रोका जा रहा है। सुबह से ही पंजाब से किसान चंडीगढ़ आ रहे हैं। कई जगहों पर सड़कों पर ही किसान धरने पर बैठ गए हैं।
चंडीगढ़ के सेक्टर 34 में धरना प्रदर्शन की नहीं मिली अनुमति
पंजाब सरकार ने पहले किसानों को धरना प्रदर्शन करने की अनुमति देने से इनकार कर दिया था। किसानों ने चंडीगढ़ के सेक्टर 34 में धरना प्रदर्शन देने की अनुमति मांगी थी। हालांकि चंडीगढ़ प्रशासन ने इससे भी इनकार कर दिया। पंजाब के अलग-अलग जिलों से किसान चंडीगढ़ के लिए ट्रैक्टर और ट्राली के साथ रवाना हुए।
पंजाब पुलिस ने रास्ते में ही किसानों को रोक लिया। इसके बाद किसान सड़कों पर ही धरने पर बैठ गए। संयुक्त किसान मोर्चा ने कहा कि हमें चंडीगढ़ नहीं जाने दिया जा रहा है और चंडीगढ़-मोहाली बॉर्डर पॉइंट पर बैरिकेड्स लगाए गए हैं। संयुक्त किसान मोर्चा में 30 से ज्यादा किसान संगठन शामिल हैं।
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गोल्डन गेट पर किसानों का प्रदर्शन
पंजाब के किसान बुधवार को पंजाब सरकार के खिलाफ विरोध प्रदर्शन करने के लिए अमृतसर के गोल्डन गेट पर इकठ्ठा हुए। डीएसपी मनिंदर सिंह पाल ने पुष्टि की कि विरोध प्रदर्शन के लिए सभी आवश्यक व्यवस्थाएं की गई हैं। उन्होंने कहा कि सभी व्यवस्थाएं पूरी कर ली गई हैं। पुलिस बल तैनात किया गया है। हम सतर्क हैं। किसान यहां हैं। यहां (गोल्डन गेट पर) विरोध प्रदर्शन किया जाएगा।
चंडीगढ़ पुलिस ने जारी की ट्रैफिक एडवाइजरी
मंगलवार को चंडीगढ़ पुलिस ने ट्रैफिक एडवाइजरी जारी करते हुए कहा था कि 5 मार्च को कुछ सड़कों पर यातायात को नियंत्रित किया जा सकता है ताकि वाहनों का सुचारू आवागमन और लोगों की सुरक्षा सुनिश्चित की जा सके। सीएम भगवंत मान द्वारा कई किसान संगठनों पर विरोध प्रदर्शन करने और पंजाब को ‘धरनों के राज्य’ में बदलने वाले बयान के बाद सुरक्षा उपाय किए गए थे।
पंजाब पुलिस द्वारा आधी रात को छापेमारी
आंदोलन से एक दिन पहले पंजाब पुलिस ने कथित तौर पर कई किसान नेताओं को आधी रात को हिरासत में लिया था। एसकेएम नेताओं और पंजाब के मुख्यमंत्री भगवंत मान के बीच बैठक अचानक समाप्त होने के कुछ घंटों बाद आधी रात को छापेमारी की गई, जिसमें किसान संगठन ने दावा किया कि वह बिना किसी उकसावे के बाहर चले गए। गुरमीत सिंह मेहमा, जंगवीर सिंह चौहान, मंजीत राज और सुरजीत सिंह सहित कई प्रमुख किसान नेताओं को कथित तौर पर सोमवार और मंगलवार को एहतियातन हिरासत में रखा गया था।