Sukhbir Singh Badal Firing: पंजाब के पूर्व सीएम और शिरोमणि अकाली दल के नेता सुखबीर सिंह बादल ने अपनी जान को जोखिम में डालकर उनकी जान बचाने वाले दो पुलिस अधिकारियों को गले से लगा लिया। उन्होंने इस बारे में एक भावुक पोस्ट भी सोशल मीडिया पर शेयर की है। अब इसकी हर तरफ चर्चा हो रही है। उन्होंने कहा कि किसी की जान बचाने के लिए अपनी जान जोखिम में डालना कोई आसान बात नहीं है।
सुखबीर सिंह बादल ने सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म एक्स पर पोस्ट कर कहा, ‘किसी की जान बचाने के लिए अपनी जान जोखिम में डालना आसान बात नहीं है। एएसआई जसवीर सिंह और एएसआई हीरा सिंह, दोनों प्रकाश सिंह बादल सबा के दिनों से हमारे परिवार का हिस्सा रहे हैं। मैं और मेरा परिवार कल उनके द्वारा दिखाए गए साहस और वफादारी का बदला नहीं चुका सकते। ईश्वर उन्हें लंबी उम्र, अच्छा स्वास्थ्य और सारी खुशियां प्रदान करें।’
सुखबीर सिंह बादल पर हुआ हमला
पंजाब के पूर्व उपमुख्यमंत्री और वरिष्ठ अकाली दल के नेता सुखबीर सिंह बादल उस समय बाल-बाल बच गए जब खालिस्तानी आतंकवादी नारायण सिंह चौरा ने स्वर्ण मंदिर के एंट्री गेट पर उन पर गोलियां चला दीं, जहां वह और उनके पूर्व कैबिनेट सहयोगी सुखदेव सिंह ढींडसा व्हीलचेयर पर बैठकर ‘सेवादार’ के तौर पर काम करके ‘तनखाह’ भुगत रहे हैं। चौरा को पुलिस ने मौके से गिरफ्तार कर लिया। सुबह करीब 9.30 बजे चौरा सुखबीर से कुछ ही मीटर की दूरी पर था, तभी उसने पिस्टल निकाल ली और इससे पहले कि वह गोली चला पाता, सुखबीर के इर्द-गिर्द ‘मुफ्ती’ के तौर पर तैनात सुरक्षाकर्मियों ने आतंकवादी को काबू कर लिया और गोली खुले में चल गई।
‘उसने जो किया वो पूरी तरह गलत है’, सुखबीर सिंह बादल पर गोली चलाने वाले आरोपी की पत्नी
चौरा पर करीब 30 मामले दर्ज हैं। इसमें 8 मई 2010 को अमृतसर के सिविल लाइंस पुलिस स्टेशन में विस्फोटक अधिनियम के तहत दर्ज एक मामला भी शामिल है। चौरा को 28 फरवरी 2013 को तरनतारन के जलालाबाद गांव से अरेस्ट किया गया था और वह जमानत पर बाहर था। पुलिस के अनुसार, चौरा 1984 में पाकिस्तान चला गया था और आतंकवाद के शुरुआती दौर में पंजाब में हथियारों और विस्फोटकों की बड़ी खेपों की तस्करी में अहम भूमिका निभाई थी। पूरी खबर पढ़ने के लिए यहां क्लिक करें…