प्रवर्तन निदेशालय ने मादक पदार्थों की तस्करी और कथित तौर पर एक फर्जी पासपोर्ट तैयार करने, और मादक द्रव्यों की तस्करी से जुड़े मनी लॉन्ड्रिंग के मामले में पंजाब के विधायक सुखपाल सिंह खैरा के परिसरों पर छापेमारी की। अधिकारियों ने इस बारे में बताया। उन्होंने बताया कि चंडीगढ़, हरियाणा के साथ पंजाब और दिल्ली में कुछ स्थानों पर तलाशी ली गयी। खैरा पंजाब एकता पार्टी के विधायक हैं।

वह आम आदमी पार्टी (आप) के टिकट पर राज्य विधानसभा के लिए निर्वाचित हुए थे। बाद में पंजाब एकता पार्टी में शामिल हो गए थे। अधिकारियों ने बताया कि मनी लॉन्ड्रिंग रोकथाम कानून (पीएमएलए) के प्रावधानों के तहत यह कार्रवाई की गयी और इसका मकसद जांच को आगे बढ़ाने के लिए और साक्ष्य जमा करना है। उन्होंने बताया कि मादक पदार्थ की कथित तस्करी और फर्जी पासपोर्ट मामले के संबंध में पीएमएलए की जांच की जा रही है। इस मामले में कुछ आरोपी जेल में हैं।

सुखपाल सिंह खैरा ने पूरे मामले पर कहा है कि ईडी की तरफ से बदले की कार्रवाई की गयी है। जो भी सरकार के खिलाफ आवाज उठाता है उसे दबाने का प्रयास किया जा रहा है। मेरे पिता और मैं हमेशा से न्याय और सच्चाई के लिए संघर्ष करते रहे हैं।

गौरतलब है कि सुखपाल सिंह खैरा 2017 में आम आदमी पार्टी की टिकट पर चुनाव जीते थे। लेकिन बाद में उन्होंने अरविंद केजरीवाल पर धोखा देने का आरोप लगाकर पार्टी छोड़ दी थी। उन्होंने कहा था कि बिक्रम मजीठिया से माफी मांगकर केजरीवाल ने पार्टी वालंटियरों को धोखा दिया है।

वकील ने ईडी पर लगाया आरोप: सुखपाल सिंह खैरा के वकील ने ईडी पर आरोप लगाया है कि ईडी ने सुखपाल सिंह खैरा और उनके घर में मौजूद सभी लोगों के मोबाइल जब्त कर लिए थे। साथ ही वकील को भी साथ में रहने नहीं दिया गया। उन्होंने कहा कि कानून के मुताबिक किसी भी कार्रवाई में वकील साथ रह सकता है। लेकिन ईडी ने नियम को नहीं माना।

पहले भी रहे हैं विवादों में: सुखपाल सिंह खैरा पहले भी विवादों में रहे हैं। साल 2015 में भी उनके खिलाफ ड्रग्स तस्करी का केस दर्ज किया गया था। फाजिल्का कोर्ट ने कुछ ड्रग्स तस्करों की गिरफ्तारी के बाद खैरा को समन जारी किया था।