पंजाब कांग्रेस में विवाद बढ़ता जा रहा है। दो दिनों की खामोशी के बाद, अमरगढ़ के पार्टी विधायक सुरजीत सिंह धीमान ने शनिवार को बयान देकर हड़कंप मचा दिया, उन्होंने साथी विधायकों को उनकी अंतरात्मा की आवाज सुनने और सामूहिक इस्तीफा देने का आह्वान किया। उन्होंने कहा कि पार्टी का नेतृत्व सिद्धू जैसा कोई व्यक्ति पंजाब में करें।
धीमान ने कहा कि वह पार्टी के सभी विधायकों से इस्तीफा देने की अपील करते हैं क्योंकि “जब वे राज्य के लोगों की उम्मीदों पर खरा नहीं उतर पा रहे थे तो कुर्सियों से चिपके रहने का कोई मतलब नहीं है।” गौरतलब है कि अमरगढ़ से विधायक सुरजीत सिंह धीमान पहले विधायक है जिन्होने अमरिंदर सिंह सरकार की विफलता को लेकर आवाज उठाया है। शनिवार को, उन्होंने इंडियन एक्सप्रेस को बताया कि ऐसी कुर्सी दा की स्वाद लैना जे पंजाब दे लोकन दा कुझ नहीं कर सके (अगर हम राज्य के लोगों के लिए कुछ नहीं कर सकते हैं तो कुर्सी पर टिके रहने का क्या मतलब है)। मैं उन्हें उनके अंतःकरण की आवाज सुनने के लिए बुला रहा हूं। आइए हम सब इस्तीफा दें।”
उन्होंने कहा “मेरे साथी सहयोगी नाथू राम और मैं इस मुद्दे पर एक हैं। हम इस्तीफा देंगे। हम बस यही चाहते हैं कि कोई नेतृत्व करें। यह कोई भी हो सकता है। नवजोत सिंह सिद्धू भी हो सकते हैं। लेकिन चलो कुछ करते हैं। उन्होंने कहा कि वह बस किसी के नेता के रूप में उभरने का इंतजार कर रहे थे। “मैं उस दिन इस्तीफा देना चाहता था जिस दिन उच्च न्यायालय ने विशेष जांच दल (एसआईटी) की रिपोर्ट को रद्द कर दिया था।
विधायक ने कहा कि राज्य में ड्रग्स अभी भी एक मुद्दा है सरकार के खिलाफ नाराजगी जंगल की आग की तरह फैल रही है। यह अब नहीं रुकेगा। इस हालत में हम अगली सरकार नहीं बना सकते। नवजोत सिंह सिद्धू आशा की किरण है। अगर वह पार्टी का नेतृत्व करते हैं, तो शायद हमारी वापसी हो सकती है। यह मैं नहीं कह रहा हूं बल्कि राज्य के लोग कह रहे हैं।
हालांकि नवजोत सिंह सिद्धू ने शनिवार को फिर से ट्वीट किया कि वह कांग्रेस के साथ हैं। अपने ट्वीट में, उन्होंने एक चुनौती दी थी कि साबित करो जो मैंने दूसरे पार्टी के नेता के साथ बैठक की है! मैंने आज तक कभी किसी से कोई पद नहीं मांगा। मैं केवल पंजाब की समृद्धि चाहता हूं। कई बार आमंत्रित किया गया और कैबिनेट बर्थ की पेशकश की गई लेकिन मैंने स्वीकार नहीं किया। अब हमारे आला कमान ने दखल दिया है, इंतजार करेंगे…।