Punjab Bandh: पंजाब में किसान आंदोलन द्वारा 30 दिसंबर को बुलाए गए बंद को लेकर किसान संगठनों को बड़ा झटका लगा है, क्योंकि पंजाब प्रदेश व्यापार मंडल ने इस पंजाब बंद का विरोध किया है। संयुक्त किसान मोर्चा और किसान मजदूर मोर्चा नाम के दोनों ही किसान संगठनों ने पहले पंजाब बंद की घोषणा की थी। इन्होंने अन्य राज्यों से समर्थन मांगते हुए भारत बंद करने का ऐलान किया है।

न्यूनतम समर्थन मूल्य की कानूनी गारंटी के लिए हो रहे किसानों के आंदोलन को लगे झटके का संकेत देते हुए पंजाब के व्यापारियों और दुकानदारों के संगठन मंडल के उपाध्यक्ष अनिल बंसल कहते हैं कि हमने 2020-21 के आंदोलन का दिल से समर्थन किया था और समर्थन देने के लिए दिल्ली की सीमाओं पर भी गए थे।

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‘पंजाब को नहीं होना चाहिए नुकसान’

व्यापारिक संगठनों के उपाध्यक्ष अनिल बंसल ने किसानों द्वारा बुलाए गए बंद को लेकर कहा कि किसी भी आंदोलन से उस राज्य के लोगों को नुकसान नहीं पहुंचना चाहिए। मौजूदा मामले में हम इस आंदोलन की आंच महसूस कर रहे हैं और इसलिए अपनी बात कह रहे हैं। हर कोई सच नहीं बोल पाता।

अनिल बंसल ने कहा कि बार-बार पंजाब बंद लागू करना पंजाब को व्यापारिक, आर्थिक और सामाजिक रूप से बर्बाद करने की साजिश है। हम पंजाब के लोग किसानों और जवानों का सम्मान करते हैं और हमेशा करते रहेंगे। हालांकि, हम किसानों के वेश में पंजाब को बर्बाद करने वाले राजनीतिक अवसरवादियों का विरोध करते हैं और करते रहेंगे।

पंजाब बंद के चलते नहीं चलेंगी बस ट्रेन

MSP को लेकर किसानों की मांगे

केएमएम और एसकेएम (गैर-राजनीतिक) इस साल 13 फरवरी से पंजाब-हरियाणा सीमा पर स्थित शंभू और खनौरी में डेरा डाले हुए हैं और कई मांगें उठा रहे हैं। इनमें से सबसे प्रमुख एमएसपी को कानूनी गारंटी देना है। खनौरी बॉर्डर पर एक महीने से भी अधिक समय से आमरण अनशन पर बैठे जगजीत सिंह दल्लेवाल एसकेएम (गैर-राजनीतिक) के संयोजक हैं।

ऑल इंडस्ट्रीज एंड ट्रेड फोरम के संयोजक बदीश जिंदल ने कहा कि उन्हें (किसानों को) यह स्पष्ट करना चाहिए कि वे पंजाब के साथ हैं या पंजाब के खिलाफ। पिछली बार उद्योग जगत ने उनका दिल खोलकर समर्थन किया था, लेकिन इस बार हम पूरी तरह से आंदोलन के खिलाफ हैं। अगर चक्का जाम या रेल रोको होता है, तो इसका केंद्र पर क्या असर पड़ता है? पंजाब की अर्थव्यवस्था को नुकसान हो रहा है। कल अगर दल्लेवाल को कुछ हो गया, तो फिर पंजाब को नुकसान होगा। संक्षेप में, हम किसानों के साथ हैं, लेकिन आंदोलन की प्रकृति के खिलाफ हैं।

किसान नेता डल्लेवाल की लगातार बिगड़ रही तबीयत

लुधियाना के एक उद्योगपति ने नाम न छापने की शर्त पर कहा कि खनौरी बॉर्डर पर किसानों की संख्या भले ही बढ़ रही हो और लोग बंद भी रख रहे हों, लेकिन आंदोलन को समर्थन वैसा नहीं है जैसा 2020-21 में था। 2020-2021 के आंदोलन का नेतृत्व करने वाला प्रमुख संगठन एसकेएम हरियाणा सीमा पर विरोध प्रदर्शन का हिस्सा नहीं है, हालांकि इसने उनके लिए समर्थन व्यक्त किया है। इस महीने की शुरुआत में सभी किसान यूनियनों को एक साथ आने का आह्वान विफल रहा।

इन किसान संगठनों ने भी किया समर्थन का ऐलान

क्रांतिकारी किसान यूनियन और बीकेयू (दकौंडा) जैसे एसकेएम के कुछ घटकों ने कहा है कि वे सोमवार को चक्का जाम और रेल रोको का समर्थन करेंगे, जबकि बीकेयू (उग्राहन) ने बंद के समर्थन में अलग कार्यक्रमों की घोषणा की है। एसकेएम ने 4 जनवरी को टोहाना में किसान महापंचायत की घोषणा की है, जबकि एसकेएम (गैर-राजनीतिक) ने 4 जनवरी को खनौरी में इसी तरह की बैठक का आह्वान किया है, जिसमें अन्य राज्यों के किसान यूनियनों को आमंत्रित किया गया है, जिनके साथ दल्लेवाल ने अतीत में काम किया है।

डल्लेवाल की सेहत को लेकर चिंता

रविवार को हरियाणा के हिसार में मिले हरियाणा और उत्तर प्रदेश के खाप नेताओं ने कहा कि जब तक किसान संगठन एकजुट होकर संघर्ष नहीं करेंगे, खाप उनका समर्थन नहीं करेंगी। किसान नेताओं से बातचीत के लिए 11 सदस्यीय समिति के गठन की घोषणा करते हुए दहिया खाप के अध्यक्ष जयपाल सिंह दहिया ने कहा कि अगर एसकेएम एकता के लिए पंचायत करता है और पैनल को मध्यस्थता के लिए बुलाता है, तो हम जाएंगे।

वहीं खापों ने किसान नेता जगजीत सिंह डल्लेवाल के स्वास्थ्य पर चिंता जताते हुए केंद्र से उनसे बातचीत करने की अपील की है। जयपाल सिंह ने कहा कि अगर सरकार उनसे बात नहीं करती है तो मुजफ्फरनगर (उत्तर प्रदेश) में महापंचायत की जाएगी। इस महीने की शुरुआत में जब केएमएम और एसकेएम (गैर-राजनीतिक) ने “दिल्ली चलो” का आह्वान किया था, तो हरियाणा के प्रमुख किसान संगठनों ने यह कहते हुए इससे दूरी बनाए रखी थी कि उनसे सलाह नहीं ली गई। राज्य के किसान संगठनों ने अब तक पंजाब के आंदोलनकारियों के समर्थन में केवल प्रतीकात्मक विरोध प्रदर्शन किया है। किसान आंदोलन से जुड़ी अन्य खबरें पढ़ने के लिए इस लिंक पर क्लिक करें।