Punjab AAP Government Three Years: पंजाब की राजनीति में आम आदमी पार्टी का उत्थान किसी चमत्कार से कम नहीं था, एक ऐसी आंधी आई जिसने कांग्रेस और बादल परिवार के मजबूत किलों को भी ध्वस्त कर दिया। अब पंजाब की आम आदमी पार्टी सरकार को सत्ता में बने हुए तीन साल पूरे हो चुके हैं। पंजाब इकलौता राज्य है जहां पर इस समय आम आदमी पार्टी की सरकार है। दिल्ली में मिली अप्रत्याशित हार के बाद से ही पंजाब पर पार्टी का फोकस और ज्यादा बढ़ चुका है। ऐसे में समझने की कोशिश करते हैं कि पंजाब में आम आदमी पार्टी कितनी ताकतवर है, उसकी सरकार ने पिछले तीन सालों में कैसा काम किया है।
आम आदमी पार्टी की 10 गारंटियां
आम आदमी पार्टी ने जब पंजाब में अपनी सरकार बनाई थी, कुल 10 गारंटियों का ऐलान किया था। उन गारंटियों में महिलाओं को हर महीने 1000 रुपये देने का वादा था, 300 यूनिट फ्री बिजली देने का ऐलान था, 24 घंटे बिजली का भी वादा था। इसके अलावा आम आदमी पार्टी ने कहा था कि सरकारी स्कूलों में सुधार किया जाएगा, मोहल्ला क्लीनिक खोले जाएंगे, युवाओं को रोजगार की गारंटी मिलेगी और भ्रष्टाचार मुक्त प्रशासन दिया जाएगा। अरविंद केजरीवाल ने 2022 में किसानों के कर्ज माफी की बात भी कही थी, व्यापारियों को भी कई सुविधाएं देने का ऐलान हुआ था, नशा मुक्त पंजाब का सपना भी दिखाया गया था।
अब आम आदमी पार्टी के तीन साल का रिपोर्ट कार्ड बताता है कि कुछ वादों पर जरूर भगवंत मान की सरकार खरी उतरी है। उदाहरण के लिए 300 यूनिट मुफ्त बिजली पंजाब में लोगों को मिली है। जब सरकार बनी थी, तब तुरंत ही इस वादे को पूरा किया गया था। लेकिन ऐसा ही एक वादा आप सरकार ने महिलाओं को महीने के 1000 रुपये देने का किया था। इस वादे को अभी तक अमलीजामा नहीं पहनाया गया है। दिल्ली में हाल ही में संपन्न हुए चुनाव में भी यह मुद्दा काफी बड़ा बना था और अरविंद केजरीवाल को इसका नुकसान भी उठाना पड़ा।
महिलाओं को 1000 रुपये देने का वादा- हकीकत
असल में पंजाब एक ऐसा राज्य है जो भयंकर कर्ज में डूबा हुआ है। प्रदेश सरकार के ही आंकड़े बता रहे हैं कि पंजाब पर इस समय 3,53,600 करोड़ रुपये का कर्ज है। सरल शब्दों में इसका मतलब है कि राज्य के एक व्यक्ति पर करीब एक लाख 12 हजार रुपये का ऋण चल रहा है। अब ऐसी हालत की वजह से ही महिलाओं को मान सरकार पैसे नहीं दे पा रही है। इसी वजह से विपक्षी पार्टियां हमलावर हैं, पंजाब की कई महिलाओं ने भी विरोध प्रदर्शन किया है।
मोहल्ला क्लीनिक का वादा- हकीकत
मोहल्ला क्लीनिक को लेकर आम आदमी पार्टी अपनी जमकर तारीफ करती है। दिल्ली के साथ-साथ पंजाब में भी इस मॉडल को शुरू किया गया था। पंजाब सरकार के ही आंकड़े बताते हैं कि पिछले तीन सालों में 870 मोहल्ला क्लीनिक खोले गए हैं। लेकन यहां भी पिछले तीन सालों में एक विवाद भी पंजाब सरकार के साथ चला है। असल में केंद्र की मोदी सरकार भी कई ऐसे क्लीनिक चलाती है, उन्हें फंड देती है। आरोप यह लगा है कि कई उन क्लीनिक का क्रेडिट भी मान सरकार ने लिया है जिनको असल में फंड केंद्र सरकार से मिले हैं।
किसानों की कर्ज माफी- हकीकत
किसान आंदोलन ने भी पंजाब में आम आदमी पार्टी की सरकार बनाने में एक बड़ी भूमिका निभाई थी। लेकिन आज वहीं किसान पंजाब में भगवंत मान सरकार के खिलाफ खड़े हैं। हालात ऐसे बन चुके हैं कि आप विधायकों के घर के बाहर प्रदर्शन हो रहे हैं, खुद सीएम को कहना पड़ रहा है कि वे धरने को परमीशन नहीं देंगे। कभी कबार तो गुस्से में सीएम मान मीटिंग तक से उठकर चले जाते हैं। यह सब बताने के लिए काफी है कि तीन सालों में किसानों से जो वादे किए गए, वो सब पूरे नहीं हो पाए हैं।
केजरीवाल ने पंजाब के किसानों को एमएसपी की गारंटी दी थी, लेकिन वर्तमान में किसानों का विरोध प्रदर्शन जारी है, एक साल से ज्यादा का वक्त बीत चुका है, शंभू बॉर्डर पर खड़े किसान केंद्र के साथ-साथ मन सरकार से भी नाराज चल रहे हैं। इसके ऊपर पंजाब में किसानों की आय भी नहीं बढ़ पाई है, आत्महत्या के आंकड़े सरकार की पोल खोल रहे हैं। 1 मार्च 2012 से लेकर 28 फरवरी 2023 तक 1403 किसानों ने आत्महत्या की है, यहां भी सबसे ज्यादा मौतें मानसा जिले में हुई हैं। यानी कि किसानों की नाराजगी ने भगवंत मान की चुनौतियों को बढ़ा दिया है।
नशा मुक्त पंजाब का वादा- हकीकत
पंजाब को नशा मुक्त करना भी भगवंत मान का एक बड़ा वादा रहा है। लेकिन अभी तक इस मुहिम को कई बार शुरू किया जा चुका है, लेकिन जमीन पर नतीजे उतने उपयुक्त दिखे नहीं। तीन साल के आंकड़े बता रहे हैं कि पंजाब में नशीली दवाइयों की वजह से 266 लोगों की जान चुकी है। अकेले 2022-23 में 159 लोगों ने ड्रग्स ओवरडोज की वजह से दम तोड़ा है। इसके ऊपर सीमा पार से भी पंजाब में भारी मात्रा में ड्रग्स की सप्लाई हो रही है। अब तीन साल बाद जरूर भगवंत मान ने ड्रग्स के खिलाफ फिर बड़ा अभियान छेड़ा है, लेकिन चुनौती ज्यादा बड़ी है और आंकड़े सरकार के खिलाफ।
रोजगार की गारंटी- हकीकत
रोजगार को लेकर आम आदमी पार्टी ने वादा किया था कि वो पंजाब में 10 लाख सरकारी नौकरी देगी, हर घर में भी एक नौकरी का वादा हुआ था। अब पंजाब सरकार के मुताबिक उसने पिछले तीन सालों मे 51,665 नौकरियां दी हैं। लेकिन अभी भी पंजाब की बेरोजगारी की स्थिति राष्ट्रीय स्तर की तुलना में काफी कमजोर है। Periodic Labour Force Survey (PLFS) सर्वे बताता है कि पंजाब में महिलाओं में बेरोजगारी 13.7 फीसदी दर्ज की गई है, पुरुषों में यह आंकड़ा 7.1 फीसदी है।
कानून व्यवस्था का हाल- हकीकत
कानून व्यवस्था की बात करें तो यहां भी आप सरकार को झटका लगा है। पंजाब में पिछले 5 महीनों में 13 धमाके हो चुके हैं। इसके ऊपर जिस तरह से मंदिरों पर हमले हो रहे हैं, जिस तरह से खालिस्तानी तत्व सक्रिय हो रहे हैं, सीएम मान की दिक्कतें बढ़ी हैं। केंद्र सरकार भी पंजाब की कानून व्यवस्था को लेकर चिंतित है, इंटेलिजेंस भी कई मुद्दों पर पंजाब को अब जम्मू-कश्मीर से भी ज्यादा संवेदनशील मानती है। ऐसे में आम आदमी पार्टी का इस दिशा में काम जानकारों के मुताबिक अभी ज्यादा बेहतर नहीं है। अब आने वाले दो सालों में मान सरकार किस दिशा में काम करती है, वही तय करेगा कि हाल दिल्ली जैसा होने वाला है या फिर आप की झाड़ूं फिर विरोधियों को परास्त करने वाली है।