पुणे में हुए हिट एंड रन मामले में आरोपी के पिता और पब संचालक को महाराष्ट्र पुलिस ने गिरफ्तार किया है। वहीं पुलिस के रवैये को लेकर शिवसेना (उद्धव ठाकरे गुट) सवाल खड़े कर रही है। इसके साथ ही पुणे में लोग सड़कों पर आरोपी को लेकर विरोध प्रदर्शन कर रहे हैं।

शिवसेना (उद्धव बालासाहेब ठाकरे) के नेता और राज्यसभा सांसद संजय राउत ने पुलिस के रवैये को लेकर सवाल खड़ा किया है। उन्होंने कहा कि आरोपी को पुणे के पुलिस कमिश्नर बचा रहे हैं। आरोपी का पूरा वीडियो सामने आ गया है। वो पब में जाकर शराब पी रहा है लेकिन फिर भी आरोपी को कुछ ही घंटों में छोड़ दिया जाता है।

वहीं मीडिया रिपोर्ट्स में इस बात की भी जानकारी मिल रही है कि नाबालिग आरोपी को हिरासत के दौरान पुलिस ने पिज्जा और बिरयानी खिलाया है। संजय राउत के अलावा राष्ट्रवादी कांग्रेस पार्टी के एक विधायक ने भी पुलिस के रवैये को लेकर नाबालिग आरोपी की मदद की बात कही है। राउत ने कहा, ‘पुलिस आयुक्त को निलंबित कर देना चाहिए। आरोपी को पुलिस कुछ घंटों में क्यों छोड़ देती है। मेडिकल रिपोर्ट उसकी निगेटिव आई थी। जबकि उसके शराब पीने का वीडियो सामने आया है।’

हादसे में दो लोगों की हुई थी मौत

इस मामले में बता दें कि बीते शनिवार की रात में पुणे में तेज रफ्तार से आ रही लग्जरी कार पोर्शे ने बाइक को टक्कर मार दी थी। कार को 17 साल का नाबालिग चला रहा था जिसका पिता विशाल अग्रवाल पुणे का बड़ा बिल्डर है। एक्सीडेंट के समय कार की रफ्तार करीब 150 किमी प्रति घंटा थी। इस हादसे में बाइक सवार दोनों लोगों की मौके पर ही मौत हो गई। 24 वर्षीय अनीस अवधिया और 24 साल की ही अश्विनी कोष्टा की जान चली गई। युवक और युवती दोनों मध्य प्रदेश के रहने वाले थे। दोनों पेशे से इंजीनियर थे और पुणे में नौकरी कर रहे थे।

बिना नंबर के सड़क पर दौड़ रही थी कार

वहीं इस हादसे में सबसे महत्वपूर्ण खुलासा हुआ है कि जिस पोर्शे कार से ये एक्सीडेंट हुआ है वो पिछले एक महीने से बिना नंबर प्लेट के पुणे की सड़कों पर दौड़ रही थी। इस मामले को लेकर RTO ने कहा है कि विशाल अग्रवाल ने गाड़ी एजेंसी से खरीदी थी उसके बाद अभी तक उसका रजिस्ट्रेशन नहीं कराया है। वहीं ये भी जानकारी मिल रही है कि राज्य के उपमुख्यमंत्री देवेंद्र फडणवीस के निर्देश पर पुणे पुलिस ने सत्र न्यायालय का रुख किया है। अगर इस मामले में आरोपी पर व्यस्क के तौर पर सजा होती है तो उसे 10 साल की सजा हो सकती है।