जम्मू-कश्मीर में अलगाववादी नेता हाशिम कुरेशी ने पुलवामा हमले के बाद सुरक्षा हटाए जाने पर कहा है कि वह पाकिस्तान की इंटेलिजेंस एजेंसी आईएसआई और वहां के समर्थित आतंकी संगठन जैश की हिटलिस्ट में हैं। रविवार (17 फरवरी, 2019) को ये दावा उन्होंने एक अंग्रेजी न्यूज चैनल से किया।
उन्होंने कहा, “ये इंतकाम में सुरक्षा हटाई जा रही है, पर हमारा इस धमाके में कोई हाथ नहीं है। मसलन मीरवाइज या किसी और का इस विस्फोट में कोई हाथ नहीं है। जैश-ए-मोहम्मद ने यह धमाका किया है। उसका और लश्कर-ए-तैयबा का मुख्यालय पाकिस्तान में है। इन दोनों के सरगना वहीं हैं, सरकार जाए वहां और पकड़ लाए।”
कुरेशी के मुताबिक, “मैं आईएसआई और जैश की हिटलिस्ट में हूं।” देखें वीडियो-
I am on the hitlist of ISI and JeM: Hashim Qureshi, Separatist Leader | #HurriyatSecuritySnatched pic.twitter.com/2e49vfgWre
— TIMES NOW (@TimesNow) February 17, 2019
कुरेशी का यह बयान ऐसे समय पर आया है, जब कश्मीर प्रशासन ने रविवार को मीरवाइज उमर फारुक समेत छह अलगाववादी नेताओं की सुरक्षा वापस ले ली। यह फैसला पुलवामा आतंकवादी हमले के मद्देनजर लिया गया।
‘भाषा’ की रिपोर्ट में अधिकारियों के हवाले से कहा गया- मीरवाइज के अलावा अब्दुल गनी भट, बिलाल लोन, हाशिम कुरैशी, फजल हक कुरैशी एवं शबीर शाह को दी गई सुरक्षा वापस ले ली गई है। हालांकि, आदेश में पाकिस्तान समर्थक अलगाववादी सैयद अली शाह गिलानी का जिक्र नहीं है।
इन नेताओं को दी गई सुरक्षा को किसी श्रेणी में नहीं रखा गया था, पर राज्य सरकार ने कुछ आतंकवादी समूहों से उनके जीवन को खतरा होने के अंदेशे को देखते हुए केंद्र के साथ सलाह-मशविरा कर उन्हें खास सुरक्षा दी हुई थी। आतंकवादी संगठन हिज्बुल मुजाहिदीन के आतंकियों ने 1990 में उमर के पिता मीरवाइज फारूक की तथा 2002 में अब्दुल गनी लोन की हत्या कर दी थी। पाकिस्तान समर्थक नेता सैयद अली शाह गिलानी एवं जेकेएलएफ के प्रमुख यासिन मलिक को कोई सुरक्षा नहीं दी गई थी।
अधिकारियों के अनुसार, आदेश के मुताबिक अलगाववादियों को दी गई सुरक्षा एवं उपलब्ध कराए गए वाहन रविवार शाम तक वापस ले लिए जाएंगे। किसी भी बहाने से उन्हें या किसी भी अलगाववादी नेता को सुरक्षा या सुरक्षाकर्मी नहीं मुहैया कराए जाएंगे। अगर सरकार ने उन्हें किसी तरह की सुविधा दी है तो वह भी भविष्य में वापस ले ली जाएगी। (भाषा इनपुट्स के साथ)

