Pulwama Terror Attack: जम्मू-कश्मीर के पुलवामा जिले में गुरुवार (14 फरवरी, 2019) को फिदायीन आंतकी हमला पिछले नौ सालों में केंद्रीय रिजर्व पुलिस बल (सीआरपीएफ) पर सबसे भीषण हमला है। ‘पीटीआई’ के मुताबिक, हमले में 30 जवान शहीद हो गए, जो कि बस से ड्यूटी के लिए लौट रहे थे, जबकि जम्मू-कश्मीर सरकार के सलाहकार के.विजय कुमार ने एएनआई से कहा कि पुलवामा हमले में शहीदों की संख्या 40 के आस-पास है।

आतंकी संगठन जैश-ए-मोहम्मद ने इस हमले की जिम्मेदारी ली है और घटना के दौरान उसके एक आंतकी ने लगभग 350 किलोग्राम विस्फोटक के साथ सीआरपीएफ की बस में टक्कर मारी थी। बता दें कि साल 2010 में छत्तीसगढ़ के दंतेवाड़ा में नक्सलियों ने सीआरपीएफ पर हमला बोल दिया था, जिसमें लगभग 75 जवान शहीद हो गए थे।

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी समेत केंद्रीय मंत्रियों, भारतीय जनता पार्टी (बीजेपी) के नेताओं और विपक्षी विपक्षी दल कांग्रेस ने ताजा हमले की कड़ी निंदा की है और इसे कायराना हरकत करार दिया है। इन सभी के इसके अलावा शहीदों के परिजन के प्रति संवेदना भी जताई।

पीएम मोदी ने पुलवामा हमले को लेकर राष्ट्रीय सुरक्षा सलाहकार (एनएसए) अजीत डोभाल से बातचीत की है। वहीं, इस हमले के मद्देनजर पूर्व उत्तर प्रदेश कांग्रेस महासचिव प्रियंका गांधी वाड्रा ने प्रस्तावित प्रेस कॉन्फ्रेंस रद्द कर दी। उन्होंने शाम को पत्रकारों से कहा, “मुझे नहीं लगता है कि यह राजनीतिक मसलों पर बात करने के लिए सही समय है।”

2016 में उरी हमले के बाद सबसे भीषण आतंकवादी हमला है, जबकि इसे 2019 का सबसे बड़ा आतंकी हमला बताया जा रहा है। सीआरपीएफ के 2500 से अधिक कर्मी 78 वाहनों के काफिले में जा रहे थे। इनमें अधिकतर छुट्टियां के बाद काम पर लौट रहे थे। जम्मू-कश्मीर राजमार्ग पर अवंतिपोरा में लाटूमोड़ पर इस काफिले पर घात लगाकर हमला किया गया।

पुलिस ने आत्मघाती हमला करने वाले वाहन को चलाने वाले आतंकवादी की पहचान पुलवामा के काकापोरा के रहने वाले आदिल अहमद के तौर पर की। उन्होंने बताया कि अहमद 2018 में जैश-ए-मोहम्मद में शामिल हुआ था। हताहतों की संख्या बढ़ने की आशंका है।