Pulwama Terror Attack: जम्मू-कश्मीर में 2019 के सबसे बड़े आतंकी हमले को लेकर भारत अब पाकिस्तान के नापाक मंसूबों को बेनकाब करने में जुट गया है। शुक्रवार (15 फरवरी, 2019) को विदेश मंत्रालय के दफ्तर में इस मसले पर बातचीत के लिए दो दर्जन से अधिक देशों के प्रतिनिधि जुटे। ‘एएनआई’ के मुताबिक, राजधानी में विदेश मंत्रालय के दफ्तर पर करीब 25 देशों के प्रतिनिधि पहुंचे थे।
ये प्रतिनिधि जर्मनी, हंगरी, इटली, यूरोपीय संघ, कनाडा, ब्रिटेन, रूस, इजरायल, ऑस्ट्रेलिया, जापान बांग्लादेश, श्रीलंका, अफगानिस्तान, नेपाल, दक्षिण कोरिया, स्वीडन, स्लोवाकिया, फ्रांस, स्पेन और भूटान के थे। विदेश सचिव संग इन सभी प्रतिनिधिनियों की बैठक शाम छह बजे शुरू हुई थी, जो कि तकरीबन एक घंटा चली।
पुलवामा अटैकः ‘PAK संग शांतिवार्ता का वक्त खत्म, अब सबक सिखाना चाहिए’
सूत्रों के अनुसार, ये सभी प्रतिनिधि पी-5, दक्षिण एशियाई देशों और अन्य अहम साझेदार देशों में से रहे। वार्ता के दौरान इन सभी प्रतिनिधियों ने माना कि पुलवामा के आतंकी हमले के पीछे पाकिस्तान आधारित और समर्थित जैश ए मोहम्मद का हाथ था। उन्होंने इसी के साथ मांग की कि पाकिस्तान को आतंकी संगठनों को फंडिंग देना तत्काल बंद करना चाहिए।
बकौल सूत्र, “भारत के विदेश सचिव ने आगे बैठक में इस बात पर ध्यान खींचा कि पाकिस्तान आतंकवाद को अपने देश की नीति के रूप में इस्तेमाल करता है।” विदेश मंत्रालय ने इसके अलावा साफ किया वह इस हमले के पीछे पाकिस्तान के हाथ होने की बात को साबित करने के लिए हर संभव कदम उठाएगा। वह इसके अलावा जैश-ए-मोहम्मद और उसके सरगना मसूद अजहर के खिलाफ भी कड़ी कार्रवाई की मांग करेगा।
इससे पहले, विदेश मंत्रालय के वरिष्ठ आलाधिकारियों ने इस हमले के सिलसिले में कूटनीतिक मिशन के तहत अपने समकक्षों से संपर्क साधा। जैश ए मोहम्मद के आतंकवादी हमले की इससे पहले अमेरिका, रूस, ऑस्ट्रेलिया, फ्रांस, सऊदी अरब, श्रीलंका और बांग्लादेश सहित दुनिया के कई देशों ने कड़ी निंदा की थी। इन सभी देशों ने आतंकवाद से मुकाबले में भारत के प्रति अपना समर्थन भी व्यक्त किया।

