राष्ट्रीय जांच एजेंसी ने पुलवामा आतंकवादी हमले की साजिश रचने और उसे अंजाम देने के मामले में मंगलवार को यहां एक विशेष अदालत में प्रतिबंधित आतंकवादी संगठन जैश-ए-मोहम्मद के सरगना मसूद अजहर समेत 19 लोगों के खिलाफ आरोप पत्र दायर किया।

जम्मू में NIA के वकील विपिन कालरा ने इस बारे में समाचार एजेंसी एएनआई को बताया, “चार्जशीट (पुलवामा आतंकी हमले के मामले में NIA ने कोर्ट में दायर) 5,000 पन्नों की है। अगर डिजिटल साक्ष्यों को भी जोड़ दें तो यह 15,000 से अधिक पन्नों की हो जाती है। कुल 19 अभियुक्त हैं। मसूद अज़हर मुख्य आरोपी है। सुनवाई की अगली तारीख 1 सितंबर है।”

NIA सूत्रों के हवाले से समाचार एजेंसी एएनआई ने बताया, पुलवामा आतंकी हमले का मुख्यारोपी मोहम्मद उमर फारूख भारत में घुसा था। Jammu-Samba Sector के पास लगने वाले अंतर्राष्ट्रीय बॉर्डर के पास से उसने अप्रैल, 2018 में घुसपैठ की थी। वह इसके बाद कुख्यात आतंकी संगठन JeM का पुलवामा में कमांडर बन गया था। IED की मदद से उसने अपने साथियों के साथ सुरक्षाबलों पर हमले की साजिश रची थी।

इससे पहले, अधिकारियों ने कहा कि एनआईए ने इलेक्ट्रोनिक सबूतों और विभिन्न मामलों में गिरफ्तार आतंकवादियों तथा उनसे सहानुभूति रखने वालों के बयानों की मदद से इस ”पेचीदा मामले” की गुत्थी सुलझाई है।

जांच एजेंसी द्वारा दायर इस आरोप पत्र में आत्मघाती बम हमलावर आदिल डार को शरण देने और उसका अंतिम वीडियो बनाने के लिये पुलवामा से गिरफ्तार किये गए लोगों को नामजद किया गया है। डार ने पिछले साल 14 फरवरी को दक्षिण कश्मीर के लेथपुरा के निकट लगभग 200 किलो विस्फोटक से भरे वाहन से सीआरपीएफ के काफिले को टक्कर मार दी थी।

इस मामले की जांच का नेतृत्व कर रहे एनआईए के संयुक्त निदेशक अनिल शुक्ला ने ताकतवर बैटरियों, फोन और केमिकल खरीदने के लिये आतंकी मॉड्यूल के साजिशकर्ताओं द्वारा ई-कॉमर्स प्लेटफॉर्मों का इस्तेमाल किये जाने की भी बात कही है। अधिकारियों ने बताया कि एनआईए इस मामले में अब तक सात लोगों को गिरफ्तार कर चुकी है।

आरोप पत्र में अजहर के अलावा विभिन्न मुठभेड़ों में मारे गए सात आतंकवादियों, चार भगोड़ों का नाम शामिल है। इनमें से दो भगोड़े अब भी जम्मू-कश्मीर में छिपे हुए हैं, जिनमें एक स्थानीय निवासी और एक पाकिस्तानी नागरिक शामिल है।

आरोप पत्र में मसूद अजहर के दो संबंधियों अब्दुल रऊफ और अम्मार अल्वी के नाम मुख्य षड्यंत्रकारी के रूप में दर्ज हैं। मृतकों में जैश के आतंकवादी मोहम्मद उमर फारूक का करीबी संबंधी भी शामिल है, जो 2018 के अंत में सांबा जिले में अंतरराष्ट्रीय सीमा पर प्राकृतिक गुफाओं के जरिये भारत में दाखिल हुआ था। (भाषा इनपुट्स के साथ)