हेलमेट नियम को लेकर पुडुचेरी के मुख्यमंत्री वी. नारायणसामी और उपराज्यपाल किरण बेदी के बीच जुबानी जंग हो गई है। दरअसल किरन बेदी ने बिना हेलमेट के स्कूटर के पीछे बैठकर उनके सवारी करने और उपचुनाव प्रचार अभियान के लिए दुपहिया वाहन की रैली में नारायणसामी के बिना हेलमेट पहने भाग लेने के मामले की तुलना को खारिज कर दिया। बेदी ने सीएम नारायणसामी से उनकी ‘गलती’ को स्वीकार करने और कानून का सामना करने को कहा।
गौरतलब है कि किरन बेदी ने बिना हेलमेट पहनकर बाइक रैली में भाग लेने वाली नारायणसामी की अखबारों में छपी तस्वीर ट्वीट की थी। इस पर पुडुचेरी के सीएम नारायणसामी ने किरन बेदी की एक तस्वीर सोशल मीडिया पर साझा की है। इस तस्वीर में पुडुचेरी की राज्यपाल किरन बेदी बिना हेलमेट के दोपहिया वाहन के पीछे बैठकर सवारी करती दिखाई दे रही हैं। इस तस्वीर को ट्वीट करते हुए नारायणसामी ने कहा था कि ‘उपदेश देने से पहले खुद पालन करो।’
नारायणसामी के इस ट्वीट का जवाब देते हुए बेदी ने कहा कि 19 अगस्त 2017 को बिना हेलमेट पहनकर दुपहिया वाहन पर महिला सुरक्षा का जायजा लेने की उनकी सवारी, मुख्यमंत्री की शनिवार को रैली में भाग लेने के तौर पर बिना हेलमेट के स्कूटर चलाने से अलग है। उन्होंने रविवार देर रात एक संदेश में कहा, ‘‘दोनों मामलों की कोई तुलना नहीं है श्रीमान मुख्यमंत्री। मेरी सवारी यह जांच करने के लिए थी कि क्या पुडुचेरी में महिलाएं रात को सड़कों पर सुरक्षित हैं लेकिन आपकी वोटों के लिए थी और इसलिए कानून का सामना करिए।’’ उल्लेखनीय है कि बेदी और नारायणसामी का विभिन्न मुद्दों को लेकर टकराव होता रहता है।
वहीं सीएम नारायणसामी ने अपने बचाव में कहा है कि ‘जब हम मोटरसाइकिल पर चुनाव प्रचार कर रहे हैं और मैं हेल्मेट लगा लूं तो लोगों को तो पता ही नहीं चलेगा कि कौन वोट मांगने आया है।’ नारायणसामी ने ये भी कहा कि मैंने बेदी का वह ट्वीट और फोटो देखा है, यह सुप्रीम कोर्ट के आदेश का उल्लंघन है और पुडुचेरी के डीजीपी को इस पर कार्रवाई करनी चाहिए। उन्होंने कहा कि सुप्रीम कोर्ट ने अपने 30 अप्रैल के आदेश में कहा था कि आधिकारिक वार्तालाप के लिए उपराज्यपाल समेत मंत्रियों को किसी भी सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म का इस्तेमाल नहीं करना चाहिए। ऐसा करके उन्होंने कोर्ट की अवमानना की है।
(भाषा इनपुट के साथ)