Jammu-Kashmir News: आम आदमी पार्टी के विधायक मेहराज मलिक को पब्लिक सेफ्टी एक्ट के तहत हिरासत में लिए जाने के एक दिन बाद जम्मू-कश्मीर प्रशासन ने मंगलवार को बताया कि डोडा जिले में विरोध प्रदर्शन शुरू हो गए हैं। इसे देखते हुए सुरक्षा के कड़े इंतजाम किए गए हैं। जिला प्रशासन ने उनके खिलाफ कार्रवाई को सही बताते हुए दावा किया कि वह सार्वजनिक शांति के लिए आसन्न खतरा हैं। इतना ही नहीं उन पर महिलाओं के खिलाफ अभद्र भाषा का इस्तेमाल करने का आरोप लगाया। आप विधायक की हिरासत को जम्मू-कश्मीर के सीएम उमर अब्दुल्ला ने गलत बताया है।

सीएम उमर अब्दुल्ला ने मीडिया से बातचीत में कहा, “अब उन्होंने पीएसए के लायक कुछ नहीं किया है। मेरी तो कुछ भी समझ में नहीं आता है। इतना सख्त कानून आखिर उन्होंने क्या किया। कहीं पर हालात बिगड़ गए या फिर कहीं पर पथराव हुआ। उल्टा जिन लोगों ने यहां पर माहौल बिगाड़ा, जिन लोगों ने हमारे मजहबी जज्बातों के साथ खिलवाड़ किया, वहां पर तो कुछ भी नहीं हुआ। बेगुनाह लोगों को यहां पर तंग किया जा रहा है। थानों में बुलाया जा रहा है और पूछताछ की जा रही है। लेकिन जिन्होंने हमारे मजहबी जज्बातों के साथ खिलवाड़ किया, उनके साथ कुछ नहीं किया जा रहा है। एमएलए साहब ने अगर कुछ गलती की हो तो उसे विधानसभा में सुधारा जा सकता है। पीएसए के जैसा कानून उन पर नहीं लगाया जाना चाहिए था।”

आप विधायक को हिरासत में लिया गया

इंडियन एक्सप्रेस की रिपोर्ट के मुताबिक, डोडा के कहारा और मलिकपुरा इलाकों में काफी ज्यादा भीड़ जमा हो गई। यहां पर मलिक का काफी प्रभाव माना जाता है। बाद में पुलिस ने विरोध प्रदर्शन को तितर-बितर कर दिया। प्रशासन ने उन पर आरोप लगाया है कि जब भी प्रशासन ने सार्वजनिक व्यवस्था बहाल करने के लिए कार्रवाई की, तो उन्होंने जनता, खासकर युवाओं को भड़काने की कोशिश की। हिरासत में लिए गए आप विधायक पर सरकारी अधिकारियों को खुलेआम धमकी देने और ऑपरेशन सिंदूर के दौरान प्रशासन के खिलाफ जनता को भड़काने का भी आरोप लगाया गया है।

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डोजियर में एफआईआर का भी जिक्र

आम आदमी पार्टी के विधायक मेहराज मलिक के खिलाफ तैयार किए गए डोजियर में डोडा पुलिस स्टेशन में उनके खिलाफ दर्ज एफआईआर का भी जिक्र किया गया है। यह डोडा सरकारी मेडिकल कॉलेज में डॉक्टर के रूप में काम करने वाली एक महिला की शिकायत पर दर्ज की गई थी। डोजियर में दावा किया गया है कि कानूनी कार्रवाई के बावजूद मलिक ने अपना व्यवहार नहीं बदला। इसमें यह भी कहा गया है कि मलिक के कामों से युवाओं का कानून के शासन से मोहभंग होने की संभावना है।

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