पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री और टीएमसी चीफ ममता बनर्जी ने नूपूर शर्मा की गिरफ्तारी की मांग उठाई है। उन्होंने कहा है कि ऐसे विवादित बयान देने वालों पर फौरन एक्शन होना चाहिए। वहीं, कल दिए गए कथित भड़काऊ बयान को लेकर दिल्ली पुलिस की IFSO इकाई द्वारा दर्ज FIR में AIMIM प्रमुख असदुद्दीन ओवैसी को नामजद किया गया है। एफआईआर में स्वामी यति नरसिंहानंद का भी नाम है। दूसरी तरफ, अपने खिलाफ दर्ज एफआईआर पर ओवैसी ने कहा कि वे भयभीत होने वाले नहीं हैं।
दिल्ली पुलिस पीआरओ सुमन नलवा ने बताया कि सोशल मीडिया पर दूसरे धर्मों पर आपत्तिजनक टिप्पणियां करने वालों के खिलाफ एफआईआर दर्ज की गई है। उन्होंने बताया कि इस मामले में 2 FIR दर्ज की हैं जिसमें नुपूर शर्मा, नवीन कुमार जिंदल, असदुद्दीन ओवैसी और कई अन्य लोगों के खिलाफ मामला दर्ज किया गया है।
पैगंबर मोहम्मद के खिलाफ नूपुर शर्मा की विवादित टिप्पणी को लेकर दिल्ली में गुरुवार को असदुद्दीन ओवैसी की एआईएमआईएम के कार्यकर्ताओं ने प्रदर्शन किया। यह विरोध उन्होंने जंतर-मंतर के पास किया और इस दौरान उनमें से कुछ कार्यकर्ता पुलिस कर्मचारियों से जा भिड़े। हालात काबू करने के लिए पुलिस को उन्हें हिरासत में लेना पड़ा।
रोचक बात यह है कि एआईएमआईएम की ओर से यह प्रदर्शन तब किया गया, जब गुरुवार दोपहर खबर आई कि ओवैसी के खिलाफ भड़काऊ भाषण देने को लेकर मामला दर्ज कर लिया गया है।
वहीं, पैगंबर मोहम्मद के खिलाफ विवादित टिप्पणी को लेकर बीजेपी से निष्कासित नवीन कुमार जिंदल ने कहा है कि उन्हें लगातार धमकियां मिल रही हैं। इस बीच, उन पर मानसिक दबाव तो है। साथ ही परिवार पर भी प्रेशर है। ये बातें उन्होंने गुरुवार (नौ जून, 2022) को एक हिंदी चैनल से बातचीत के दौरान कहीं।
पार्टी के एक्शन पर सवाल पूछे जाने पर उन्होंने कहा- मेरी इस मसले पर कोई टिप्पणी नहीं है। मुझे इस बाबत चर्चा नहीं करनी है। देश के लिए नरेंद्र मोदी और अमित शाह ने जो किया है, वह इस धरती पर किसी राजनेता ने आज तक नहीं किया। देश की रक्षा के लिए अगर कोई बलिदान होता है, तो उसके लिए परवाह नहीं करनी चाहिए।
इससे पहले, दिल्ली पुलिस ने बुधवार को कहा कि उसने कुछ लोगों के खिलाफ मामला दर्ज किया है जो कथित तौर पर नफरत भरे संदेश फैला रहे हैं, विभिन्न समूहों को उकसा रहे हैं और ऐसी स्थिति पैदा कर रहे हैं जो शांति व्यवस्था को नुकसान पहुंचा सकती है।
पुलिस ने बताया कि विशेष प्रकोष्ठ की ‘इंटेलीजेंस फ्यूजन एंड स्ट्रेटजिक ऑपरेशन’ (आईएफएसओ) इकाई की ओर से दर्ज प्राथमिकी में नवीन कुमार जिंदल, शादाब चौहान, सबा नकवी, मौलाना मुफ्ती नदीम, अब्दुर रहमान और गुलजार अंसारी के नाम हैं। आईएफएसओ के पुलिस उपायुक्त के पी एस मल्होत्रा ने कहा कि प्राथमिकी अलग-अलग धर्मों के लोगों के खिलाफ दर्ज की गई है।
Prophet Muhammad Remark Row Highlights: पैगंबर मोहम्मद को लेकर भारतीय जनता पार्टी (बीजेपी) की नुपुर शर्मा के विवादित बयान पर पढ़ें लेटेस्ट अपडेट्स, यहां...
आइएफएसओ टीम ने नूपुर शर्मा और नवीन कुमार जिंदल सहित 9 लोगों के खिलाफ विभिन्न धाराओं के तहत मामला दर्ज किया। घृणित संदेश में समूहों को उकसाने और हानिकारक माहौल बनाने की कोशिश के आरोप के बाद ये मामला दर्ज किया गया है।
असदुद्दीन ओवैसी ने दर्ज FIR पर ट्वीट कर कहा, "मुझे FIR का एक अंश मिला है। यह पहली प्राथमिकी है जो मैंने देखी है, जो यह स्पष्ट नहीं कर रही है कि अपराध क्या है ... हम इससे भयभीत नहीं होंगे। अभद्र भाषा की आलोचना करने और अभद्र भाषा देने की तुलना नहीं की जा सकती।"
अपने खिलाफ एफआईआर दर्ज होने पर ओवैसी ने कहा कि पता नहीं किस बयान पर केस दर्ज हुआ है। पुलिस बताए कि उन्होंने क्या गलत किया है।
दिल्ली पुलिस पीआरओ सुमन नलवा ने बताया, "हमने उन लोगों के खिलाफ FIR दर्ज की हैं जो लोग सोशल मीडिया पर दूसरे धर्मों पर आपत्तिजनक टिप्पणियां कर रहे हैं। हमने इस मामले में 2 FIR दर्ज की हैं जिसमें नूपुर शर्मा, नवीन कुमार जिंदल, असदुद्दीन ओवैसी और कई अन्य लोगों के खिलाफ मामला दर्ज किया है।"
भड़काऊ भाषण मामले में बीजेपी की नुपुर शर्मा और नवीन कुमार जिंदल के बाद गुरुवार को एआईएमआईएम के चीफ असदुद्दीन ओवैसी के खिलाफ केस हो गया। इस एफआईआर में यति नरसिंहानंद का भी नाम है। इस बीच, दिल्ली के जंतर-मंतर पर पैगंबर मोहम्मद के खिलाफ आपत्तिजनक टिप्पणी को लेकर एआईएमआईएम के कार्यकर्ताओं ने विरोध प्रदर्शन किया। संसद मार्ग थाने के आसपास इस दौरान ओवैसी के पार्टी के कई समर्थकों और नेताओं को हिरासत में ले लिया गया।
पैगंबर मोहम्मद को लेकर भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) की नेत्री नुपुर शर्मा के खिलाफ देश ही नहीं बल्कि विदेशों में भी मुस्लिम समुदाय के लोगों के बीच गुस्सा है। फिर चाहे ऑस्ट्रेलिया हो या पाकिस्तान…लोग अपने-अपने तरीकों से उनके खिलाफ सड़क से लेकर सोशल मीडिया तक विरोध जाहिर कर रहे हैं। इस बीच, भीम सेना के चीफ सतपाल ने ऐलान किया है कि जो भी विवादित बयान देने वाली बीजेपी नेत्री की जुबान काटकर लाकर देगा, उसे एक करोड़ रुपए का ईनाम दिया जाएगा।
कानपुर पुलिस ने बुधवार को कानपुर हिंसा के सिलसिले में पॉपुलर फ्रंट ऑफ इंडिया (पीएफआई) से जुड़े तीन लोगों को गिरफ्तार किया, जिससे इस मामले में गिरफ्तार लोगों की कुल संख्या 54 हो गई है। एक वरिष्ठ अधिकारी ने यह जानकारी दी। पुलिस के अनुसार पीएफआई कार्यकर्ताओं ने कथित तौर पर दंगाइयों को संगठित किया था और वे एक कथित प्रमुख साजिशकर्ता हयात जफर हाशमी के संपर्क में थे।
कानपुर के पुलिस आयुक्त विजय सिंह मीणा ने बताया कि पीएफआई से संबद्ध इन तीनों की पहचान 2019 में की गई थी और 2019 में नागरिकता संशोधन अधिनियम (सीएए) के खिलाफ विरोध प्रदर्शन के दौरान इन्हें गिरफ्तार भी किया गया था। उन्होंने बताया कि उनकी पहचान सैफुल्ला, मोहम्मद नसीम और मोहम्मद उमर के रूप में हुई है।
अल-कायदा से भारत को मिली धमकियों पर शिवसेना नेता संजय राउत ने मुंबई में पत्रकारों को बताया, "देश में सब ठीक था। पर भाजपा के प्रवक्ता दो धर्मों में झगड़े लगाना चाहती है। अगर इस देश में कुछ होता है तो उसकी ज़िम्मेदार भाजपा है... हम लोग अपना काम करेंगे लेकिन जिनकी वजह से यह सब हो रहा है वह कब संज्ञान लेंगें?
पीडीपी प्रमुख महबूबा मुफ्ती ने भाजपा की अब निलंबित की चुकी प्रवक्ता की पैगंबर मोहम्मद पर टिप्पणियों को लेकर भारत को अलकायदा द्वारा दी गयी धमकी की बुधवार को निंदा की और कहा कि मुसलमान पैगंबर के किसी भी असम्मान को बर्दाश्त नहीं कर सकते।
महबूबा ने श्रीनगर में पत्रकारों से कहा, ‘‘ चाहे अलकायदा की धमकी हो या किसी अन्य संगठन की , मैं हर तरह की धमकी की निंदा करती हूं। लेकिन यह सच है कि भाजपा प्रवक्ता की टिप्पणी के कारण पूरे मुसलमान समुदाय में नाराजगी है। वे (मुसलमान) आहत हैं , हम कुछ भी बर्दाश्त कर सकते हैं, लेकिन पैगंबर के बारे में कोई अनुपयुक्त टिप्पणी नहीं बर्दाश्त कर सकते हैं।’’
जम्मू कश्मीर की पूर्व मुख्यमंत्री ने कहा कि जहां तक अलकायदा की धमकी की बात है तो ‘‘ मुझे डर है कि यह भाजपा को इस विमर्श को आगे बढ़ाने का एक अन्य बहाना देगा कि हिंदू खतरे में हैं। इसलिए, इसकी निंदा की जानी चाहिए।’’
इस बीच, कांग्रेस के सीनियर नेता जयराम रमेश ने बुधवार को कहा कि भारत सत्तारूढ़ पार्टी की गलतियों की कीमत कई साल से चुका रहा है, जो अस्वीकार्य है। उन्होंने ट्वीट किया, ‘‘भारत भाजपा की गलतियों की कीमत कई वर्षों से चुका रहा है। यह अस्वीकार्य है। जरा क्रोनोलॉजी (घटनाक्रम) समझिए। भाजपा के प्रवक्ता और मंत्री अल्पसंख्यकों एवं विरोधियों को लेकर 2015 से जहर उगल रहे हैं। कोई कार्रवाई नहीं की गई, बल्कि उन्हें बचाया गया और बढ़ावा दिया गया।’’
पूर्व केंद्रीय मंत्री ने दावा किया, ‘‘भाजपा के दो प्रवक्ताओं ने सारी सीमाएं लांघ दीं। कुछ मित्र देशों समेत कई देश नाराज हैं जिससे अप्रत्याशित कूटनीतिक झटका लगा है। भाजपा सरकार ने इन प्रवक्ताओं को ‘अराजक तत्व’ कह दिया, लेकिन अब भी उसके पास कई ऐसे तत्व हैं जो घिनौनी हरकत करते हैं।’’ वहीं, मुस्लिम महिलाओं के एक समूह का एक वीडियो सोशल मीडिया पर वायरल हुआ है जिसमें वे पुलिस से पैगंबर मोहम्मद के खिलाफ अपमानजनक टिप्पणी करने को लेकर भाजपा की निलंबित प्रवक्ता नुपुर शर्मा को गिरफ्तार करने का आग्रह कर रही हैं।
पैगंबर मोहम्मद को लेकर भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) के दो पूर्व पदाधिकारियों की टिप्पणियों की देश और विदेश में हो रही निंदा के बीच, जाने माने अभिनेता नसीरुद्दीन शाह ने बुधवार को उम्मीद जताई कि एक दिन लोगों में अच्छी समझ कायम होगी और मुसलमानों के खिलाफ ‘‘घृणा की लहर’’ नष्ट हो जाएगी। कई बार राष्ट्रीय पुरस्कार जीत चुके शाह ने एक समाचार चैनल को दिए साक्षात्कार में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी से हस्तक्षेप करने और ‘‘इस जहर को फैलने से रोकने का’’ आग्रह किया। उन्होंने कहा, ‘‘मैं उनसे (प्रधानमंत्री से) अनुरोध करूंगा कि वे इन लोगों को थोड़ी अच्छी समझ दें। ऋषिकेश में धर्म संसद में जो कहा गया, यदि वह उसमें भरोसा करते हैं, तो उन्हें ऐसा कहना चाहिए। यदि वह इसमें भरोसा नहीं करते, तो भी उन्हें यह बात कहनी चाहिए।’’
भाजपा ने पैगंबर के खिलाफ विवादित टिप्पणियां करने को लेकर अपनी राष्ट्रीय प्रवक्ता नुपुर शर्मा को रविवार को निलंबित कर दिया था और अपनी दिल्ली इकाई के मीडिया प्रमुख नवीन कुमार जिंदल को निष्कासित कर दिया था। शाह ने एक निजी चैनल से कहा, ‘‘भारत सरकार ने जो कार्रवाई की, बहुत बहुत कम और बहुत देर से की। ’’ उन्होंने कहा, ‘‘पाकिस्तान, बांग्लादेश या अफगानिस्तान, जिन्हें हम एक दिन ‘अखंड भारत’ में शामिल करने की उम्मीद रखते हैं, ऐसे देशों में इस प्रकार के बयान का मतलब मौत की सजा होगा, क्योंकि इन्हें ईशनिंदा समझा जाएगा। यहां शीर्ष पर बैठे लोगों ने कुछ नहीं बोला और आस्था रखने वाले लाखों लोगों को हुई पीड़ा की बात किसी ने नहीं कही।’’
गाजियाबाद प्रशासन ने डासना देवी मंदिर के पुजारी यति नरसिंहानंद को नोटिस जारी कर उन्हें चेतावनी दी कि सांप्रदायिक घृणा फैलाने वाले बयान देने पर उनके खिलाफ कानूनी कार्रवाई की जाएगी। नरसिंहानंद ने सोमवार को कहा था कि वह 17 जून को दिल्ली की जामा मस्जिद जाएंगे और कुरान पर एक प्रस्तुति देंगे, जिसके बाद प्रशासन ने यह कदम उठाया है। यति नरसिंहानंद ने कहा था, ‘‘मैं अकेला जाऊंगा ताकि इस्लामी जिहाद से डरने वाले राजनेता मेरे अनुयायियों पर झूठे मामले दर्ज नहीं करें। इस्लाम और उनके कुरान के बारे में मेरी प्रस्तुति सभी मुसलमानों के लिए आंखें खोल देने वाली होगी।’’
उन्होंने सोमवार को जारी वीडियो और प्रेस विज्ञप्ति में कहा, ‘‘कुरान में लिखे तथ्यों को जानने के बाद मस्जिद परिसर में मौजूद मुसलमान मेरी जान ले सकते हैं, लेकिन मैं हिंदुओं को बचाने के लिए अपनी जान जोखिम में डालूंगा।’’ नरसिंहानंद ने पैगंबर मोहम्मद के खिलाफ की गई विवादित टिप्पणी को लेकर निलंबित पूर्व भाजपा प्रवक्ता नुपुर शर्मा का भी समर्थन किया। नरसिंहानंद की घोषणा का संज्ञान लेते हुए गाजियाबाद के एसडीएम (सदर) ने उन्हें नोटिस जारी कर दोनों समुदायों में नफरत फैलाने वाली किसी भी चीज से दूर रहने की सलाह दी।
मुस्लिम महिलाओं के एक समूह का एक वीडियो सोशल मीडिया पर वायरल हुआ है जिसमें वे पुलिस से पैगंबर मोहम्मद के खिलाफ अपमानजनक टिप्पणी करने को लेकर भाजपा की निलंबित प्रवक्ता नुपुर शर्मा को गिरफ्तार करने का आग्रह कर रही हैं। पुलिस के एक वरिष्ठ अधिकारी ने बताया कि कथित वीडियो दक्षिण मुंबई के पायधुनी थाने में पिछले हफ्ते बनाया गया था और इसे सोशल मीडिया पर अपलोड कर दिया गया।
वीडियो एक मिनट से भी कम वक्त का है और इसमें महिलाएं पुलिस अधिकारियों से पैगंबर मोहम्मद पर टिप्पणी करने के लिए शर्मा को गिरफ्तार करने का आग्रह कर रही हैं। वीडियो में कुछ महिलाएं दिख रही हैं जो कह रही हैं कि शर्मा पर कार्रवाई नहीं करने पर अन्य लोग भी इस तरह की टिप्पणियां कर सकते हैं। शर्मा के खिलाफ उनके अपत्तिजनक बयान को लेकर 28 मई को पायधुनी थाने में एक मामला दर्ज किया गया था। उल्लेखनीय है कि भाजपा ने उन्हें निलंबित कर दिया है।
दरअसल, नुपुर शर्मा ने अंग्रेजी न्यूज चैनल "टाइम्स नाऊ" पर एक टीवी डिबेट के दौरान पैगंबर मोहम्मद पर विवादित टिप्पणी की थी। हालांकि, उन्होंने अपनी सफाई में बाद में कहा था कि उनके आराध्य को लेकर विवादित बातें कही जा रही थीं, इसलिए आवेश में आकर उन्होंने वैसा कह (विवादित टिप्पणी) दिया। अगर किसी की भावनाएं उनकी बातों से आहत हुई हों, तो वह उसके लिए माफी मांगती हैं।
वैसे, शर्मा के इस बयान और उसके बाद पनपे घटनाक्रम की वजह से बीजेपी बैकफुट पर आती नजर आई। कांग्रेस से लेकर अन्य विपक्षी दलों ने सत्तारूढ़ दल को आड़े हाथों लिया। कांग्रेस ने बुधवार को इस विवाद की पृष्ठभूमि में भाजपा पर तीखा प्रहार किया। साथ ही आरोप लगाया कि ‘फ्रिंज’ (अराजक) सत्तारूढ़ पार्टी के मूल में है। मुख्य विपक्षी दल ने यह सवाल भी किया कि नुपुर शर्मा और नवीन कुमार जिंदल की टिप्पणी से खड़े हुए विवाद को लेकर प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी, गृह मंत्री अमित शाह और विदेश मंत्री एस जयशंकर चुप क्यों हैं?
भाजपा ने गत रविवार को अपनी राष्ट्रीय प्रवक्ता नुपुर शर्मा को निलंबित कर दिया था और अपनी दिल्ली इकाई के मीडिया प्रमुख नवीन कुमार जिंदल को निष्कासित कर दिया था। पैगंबर मोहम्मद पर दोनों नेताओं की कथित अपमानजनक टिप्पणी को लेकर कुछ मुस्लिम देशों ने कड़ी आपत्ति जताई है।