छह महीने पहले मणिपाल इंस्टीट्यूट ऑफ टेक्नोलॉजी (एमआईटी) कर्नाटक के प्रोफेसर ने एक मुस्लिम छात्र को ‘कसाब’ कह दिया था। इसके बाद काफी विवाद हुआ और प्रोफेसर को क्लास लेने से रोक दिया गया था। संस्थान ने जांच बैठाने की बात भी कही थी, फिलहाल प्रोफेसर को फिरसे बहाल कर दिया गया है। 

छात्र के साथ हुई सुलह 

मणिपाल एकेडमी ऑफ हायर एजुकेशन (एमएएचई) के वाइस चांसलर लेफ्टिनेंट जनरल (डॉ) एम डी वेंकटेश के मुताबिक प्रोफेसर कैंपस में वापस आ गए हैं, लेकिन अभी तक उन्हें पढ़ाने का काम नहीं मिला है। वेंकटेश ने कहा, “छात्र ने भी सुलह कर ली है और वह नहीं चाहता कि प्रोफेसर के खिलाफ कोई कार्रवाई की जाए।”

इंडियन एक्सप्रेस के साथ बातचीत में वेंकटेश ने कहा, ‘प्रोफेसर को बर्खास्त नहीं किया गया है, बल्कि सजा दी गई है। हमने उसके खिलाफ बहुत कड़ी अनुशासनात्मक कार्रवाई की है। वह फिलहाल  अच्छी सलाह और निगरानी में है।”

उच्च शिक्षा मंत्रालय ने मामले की जांच के लिए एक समिति का भी गठन किया था जिसके बाद जांच लंबित रहने तक प्रोफेसर को निलंबित कर दिया गया था।  वाइस चांसलर ने कहा, “एक अनुशासनात्मक समिति थी और एक सिफारिश थी और विश्वविद्यालय के नियमों के अनुसार कार्रवाई की गई थी। हमने उसे कुछ बड़ी सज़ाएँ दी हैं जिनका खुलासा न करना ही बेहतर होगा। अब यह मामला खत्म हो गया’

मामला क्या था?

नवंबर के महीने में वायरल हुए एक वीडियो में प्रोफेसर को कथित रूप से एक छात्र को ‘कसाब’ आतंकवादी के रूप में कहते हुए देखा गया था। कास्ब जिसे 26/11 के मुंबई हमलों में उसकी भूमिका के लिए फांसी दी गई थी। वीडियो में प्रोफेसर को अपनी टिप्पणी को सही ठहराने की कोशिश करते हुए देखा जा सकता है।

हालांकि टीचर ने आगे कहा था कि यह एक मज़े वाले बात थी, इसका जवाब देते हुए कहा था कि 26/11 फनी नहीं था… इस देश में एक मुसलमान होने के नाते और हर दिन इन सबका सामना करना फनी नहीं है। वीडियो में प्रोफेसर को “सॉरी” कहते हुए और छात्र को जवाब देते हुए भी दिखाया गया है।