Indian Railways, Train 18 Vande Bharat Express: वंदे भारत एक्सप्रेस ट्रेन में देश के विभिन्न हिस्सों में सफर करने का सपना देख रहे रेल यात्रियों का इंतजार और लंबा हो सकता है। दरअसल, भारत के पहले सेमी हाई स्पीड ट्रेन Train18 यानी वंदे भारत एक्सप्रेस के प्रोडक्शन में अड़चनें पैदा हो गई हैं। इन ट्रेनों का उत्पादन चेन्नई स्थित इंटीग्रल कोच फैक्ट्री (ICF) में होता है।

एक अंग्रेजी अखबार की रिपोर्ट के मुताबिक, इस वित्त वर्ष में 10 ट्रेनें तैयार करने की योजना थी। इसके लिए टेंडर जारी हो चुके थे, लेकिन काम की शुरुआत नहीं हो पाई है। इसकी वजह Train18 के डिजाइन को लेकर पैदा हुई दिक्कत है। दरअसल,  Train18 के डिजाइन में कुछ खास मापदंडों के उल्लंघन की बात सामने आई थी, जिसके बाद इसे दोबारा से डिजाइन किया जाना है।

द हिंदू की रिपोर्ट के मुताबिक, Train18 के निर्माण को लेकर पहली बड़ी समस्या यह है कि इसे बनाने के दौरान रिसर्च डिजाइंस ऐंड स्टैंडर्ड ऑर्गनाइजेशन यानी आरडीएसओ द्वारा सुझाए गए दर्जनों स्पेसिफिकेशन का पालन नहीं हुआ। विजिलेंस के अधिकारियों की जांच के बाद इंजीनियर अब ट्रैक्शन ट्रांसफॉर्मर और दूसरे इलेक्ट्रिक कलपुर्जों का इस्तेमाल करने में झिझक रहे हैं। पहली ट्रेन को तैयार करने के लिए इन कलपुर्जों को खरीदा गया था।

सूत्रों के मुताबिक, आईसीएफ ने अब तय किया है कि अब वह आरडीएसओ के सुझाए मापदंडों को पालन करेगी और नए सिरे से टेंडर प्रक्रिया शुरू करेगी। हालांकि, आईसीएफ के इंजीनियरों का कहना है कि पहली Train18 के निर्माण के दौरान भी इंडस्ट्री स्टैंडर्ड का पालन किया गया और सेफ्टी के मापदंड पर कोई समझौता नहीं किया गया।

रेलवे सूत्रों ने कहा है कि इस बात की भी जांच हो रही है कि क्या 97 करोड़ रुपये की लागत से तैयार होने वाले ट्रेन सेट के लिए एक कंपनी को वरीयता दी गई? बता दें कि ICF द्वारा रिकॉर्ड वक्त में पूर्णतया स्वदेश निर्मित Train18 को तैयार किया गया है। बाद में इसे Vande Bharat Express नाम दिया गया।

ट्रेन का उद्घाटन नई दिल्ली से वाराणसी के बीच 15 फरवरी को पीएम नरेंद्र मोदी द्वारा किया गया था। इस ट्रेन को केंद्र सरकार के Make in India अभियान के सबसे सफल प्रोडक्ट के तौर पर पेश किया गया। Vande Bharat Express के बीते छह महीने के ऑपरेशन के दौरान कोई बड़ी समस्या सामने नहीं आई है।