Priyanka Gandhi First Speech: कांग्रेस सांसद प्रियंका गांधी ने लोकसभा में संविधान पर चर्चा में अपनी पहली स्पीच दी। उन्होंने 2017 के उन्नाव रेप मामले और पिछले महीने संभल में हुई सांप्रदायिक हिंसा से लेकर कई मुद्दों को उठाया। कांग्रेस सांसद ने कहा कि कुछ दिन पहले संभल के शोकाकुल परिवारों के कुछ लोग हमसे मिलने आए। उनमें दो बच्चे थे। एक का नाम अदनान और दूसरे का नाम उजैर था। एक मेरे बेटे की उम्र का था और दूसरा करीब 17 साल का था। उनके पिता एक टेलर थे। उनका एक ही सपना था कि वह अपने बेटों को शिक्षित होते देखें।
प्रियंका गांधी ने कहा, ‘पुलिस ने उनके पिता को गोली मार दी। अदनान ने मुझसे कहा था कि वह बड़ा होकर डॉक्टर बनेगा और अपने पिता के सपने को साकार करेगा। यह सपना भारत के संविधान ने उसमें डाला था।’ प्रियंका गांधी ने कहा कि हमारा संविधान एक सुरक्षा कवच है, जो देशवासियों को सुरक्षित रखता है। न्याय का कवच है। एकता का कवच है। अभिव्यक्ति की आजादी का कवच है। दुख की बात ये है कि मेरे सत्तापक्ष के साथी जो बड़ी बड़ी बातें करते हैं, उन्होंने 10 सालों में ये सुरक्षा कवच तोड़ने की कोशिश की है।
जाति जनगणना को लेकर भी बोलीं प्रियंका गांधी
लोकसभा में कांग्रेस सांसद प्रियंका गांधी वाड्रा ने कहा, ‘आज देश की जनता मांग कर रही है कि जातिगत जनगणना हो। सत्ता पक्ष के साथियों ने इसका जिक्र किया, लोकसभा चुनाव में आए नतीजों के कारण ही इसका जिक्र हो रहा है। जातिगत जनगणना इसलिए जरूरी है ताकि हम सबकी स्थिति जान सकें और उसके हिसाब से नीतियां बनाई जा सकें।
‘हर मस्जिद के नीचे मंदिर खोजने वाले नहीं रखना चाहते शांति’: अखिलेश यादव
अडानी मुद्दे पर भी विस्तार से की बात
प्रियंका गांधी ने सरकार पर निशाना साधने के लिए अडानी मुद्दे को भी उठाया और कहा कि सत्तारूढ़ सरकार सदन में अमेरिका के आरोपों पर बहस करने के लिए तैयार नहीं है। कांग्रेस नेता ने कहा कि सत्तारूढ़ सरकार ने उन्हें सब कुछ बेच दिया है। उन्होंने आरोप लगाया, ‘देश देख रहा है कि एक व्यक्ति को बचाने के लिए 1.4 अरब लोगों की अनदेखी की जा रही है, जबकि सारी संपत्ति, बंदरगाह, सड़कें, खदानें उसे दे दी गई हैं।’ लैटरल एंट्री के जरिये ये सरकार रिजर्वेशन को कमजोर करने की कोशिश कर रही है। अगर ये लोकसभा चुनाव के नतीजे नहीं होते तो ये लोग संविधान बदलने की कोशिश में लग जाते। सच तो ये है कि ये बार-बार संविधान की बात इसलिए कर रहे हैं क्योंकि इन चुनावों में इन्हें पता चल गया है कि इस देश की जनता ही इस देश के संविधान को सुरक्षित रखेगी। ये चुनाव जीतते-जीतते और लगभग हारते-हारते इन्हें ये एहसास हो गया है कि संविधान बदलने की बातें इस देश में नहीं चलेंगी।
महिला आरक्षण विधेयक को तत्काल लागू करने की मांग
लोकसभा में अपना पहला भाषण देते हुए प्रियंका गांधी वाड्रा ने महिला आरक्षण विधेयक को तत्काल लागू करने की मांग की। उन्होंने कहा, ‘इस देश की महिलाओं को 10 साल तक इंतजार क्यों करना पड़ रहा है? केंद्र को इसे बिना देरी के लागू करना चाहिए।’ प्रियंका गांधी ने जवाहरलाल नेहरू से लेकर अपनी दादी इंदिरा गांधी की सरकार तक का बचाव किया। उन्होंने इमरजेंसी को लेकर कहा यहां 1975 की बातें की जाती हैं। उन्होंने कहा कि मैं कहती हूं कि आप लोग सीख लिजिए। आप बैलेट पेपर से इलेक्शन करवा लीजिए। दूध का दूध और पानी का पानी हो जाएगा। एक साथ कब होंगे लोकसभा और विधानसभा के चुनाव? वन नेशन वन इलेक्शन को लेकर क्या है रोडमैप पढ़ें पूरी खबर…