Priyanka Gandhi Parliament Speech: वायनाड से सांसद प्रियंका गांधी ने आज शुक्रवार को पहली दफा लोकसभा में अपना संबोधन दिया। संविधान पर बात करते हुए उन्होंने केंद्र पर जमकर निशाना साधा, उन्होंने भरोसा जताया कि यह देश एक बार फिर खड़ा होगा, किसी से डरेगा नहीं। अब प्रियंका ने तो जोरदार स्पीच दी, लेकिन बीजेपी सांसद और एक्टर रवि किशन को इसमें कई खामियां नजर आ गईं।

प्रियंका गांधी की स्पीच पर रवि किशन

रवि किशन ने कहा कि प्रियंका गांधी की स्क्रिप्ट काफी वीक थी। कई सारी खामियां उसमें दिखईं। जब भी सत्य को तथ्यों के साथ नहीं रखा जाता, ऐसी स्थिति बनती है। लेकिन फिर भी क्योंकि उन्होंने सदन में पहली बार अपना संबोधन दिया है, मैं उन्हें बहुत बधाई देता हूं। बाकी कल हमारे यशस्वी प्रधानमंत्री मोदी जी विपक्ष की सभी बातों पर अपना जवाब देंगे।

लोकसभा में संविधान पर जोरदार बहस

प्रियंका गांधी ने क्या बोला?

अब जानकारी के लिए बता दें कि प्रियंका गांधी ने केंद्र पर बड़ा आरोप लगाते हुए कहा था कि सरकार ने पिछले 10 सालों में संविधान के सुरक्षा कवच को तोड़ने की कोशिश की। इस बारे में उन्होंने सदन में बोला कि हमारा संविधान एक सुरक्षा कवच है। ऐसा सुरक्षा कवच जो नागरिकों को सुरक्षित रखता है। यह न्याय का, एकता का, अभिव्यक्ति की आजादी का कवच है। यह दुखद है कि 10 साल में बड़े-बड़े दावे करने वाले सत्ता पक्ष के साथियों ने इस कवच को तोड़ने का पूरा प्रयास किया है। संविधान में सामाजिक, आर्थिक और राजनीतिक न्याय का वादा है। यह वादे सुरक्षा कवच हैं और इसे तोड़ने का काम शुरू हो गया है। लेटरल एंट्री और निजीकरण के जरिए यह सरकार आरक्षण को कमजोर करने का काम कर रही है।

संभल का जिक्र कर भावुक हुईं प्रियंका

संभल हिंसा को लेकर भी प्रियंका गांधी ने अपने विचार रखे। दिल्ली में जो उनकी पीड़ित परिवारों के साथ मुलाकात हुई, उस बारे में उन्होंने विस्तार से बताया। प्रियंका ने कहा कि संभल के कुछ लोग हमसे मिलने आए थे, जो मृतकों के परिवार के सदस्य थे। उनमें दो बच्चे थे-अदनान और उजैर। उनमें से एक मेरे बेटे की उम्र का था और दूसरा उससे छोटा, 17 साल का है। उनके पिता एक दर्जी थे। दर्जी का बस एक ही सपना था कि वह अपने बच्चों को पढ़ाएगा, एक बेटा डॉक्टर बनेगा और दूसरा भी सफल होगा…पुलिस ने उनके पिता को गोली मार दी। 17 वर्षीय अदनान ने मुझे बताया कि वह बड़ा होकर डॉक्टर बनेगा और अपने पिता के सपने को साकार करेगा। यह सपना और आशा उसके दिल में हमारे भारत के संविधान ने डाली है।

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