प्रियंका गांधी वाड्रा ने गुड्स एंड सर्विसेज टैक्स राज्य सभा में पास होने देने के लिए अपने भाई और कांग्रेस उपाध्यक्ष राहुल गांधी को मना लिया है। यह बिल लोकसभा में पहले ही पास हो चुका है। अंग्रेजी वेबसाइट Rediff.com के अनुसार प्रियंका का मानना है कि ऐसा नहीं लगना चाहिए कि जीएसटी बिल पास होने में कांग्रेस रोड़ा बन रही है। उन्होंने इस मुुद्दे पर कांग्रेस के सीनियर नेताओं से मुलाकात भी की लेकिन टैक्स पर 18 प्रतिशत की कैप पर एक राय नहीं बन पाई। माना जा रहा है कि कांग्रेस उत्तर प्रदेश चुनावों में प्रियंका गांधी को चेहरा बनाकर मैदान में उतरेगी।
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जीएसटी को लेकर 122वां संविधान संसोधन बिल मई में लोकसभा में पास हो गया था लेकिन संसद के ऊपरी सदन में अटक गया। राज्य सभा में भाजपा के पास बहुमत नहीं है। जीएसटी बिल यूपीए सरकार के समय ही तैयार किया गया था। कांग्रेस लंबे समय से देश में एक समान अप्रत्यक्ष कर प्रणाली की पैरवी कर रही थी। लेकिन अब उसकी मांग है कि जीएसटी की दर 18 प्रतिशत तक ही रखी जाए।
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वित्त मंत्री अरुण जेटली भी कह चुके हैं कि जीएसटी की दर 18 प्रतिशत से ऊपर नहीं जानी चाहिए। एक बार पास हो जाने के बाद जीएसटी पुराने स्थानीय टैक्स की जगह लेगा। साथ ही इसे देश में सबसे बड़ा कर सुधार माना जा रहा है। एक कांग्रेस नेता ने बताया कि प्रियंका पूर्व वित्त मंत्री पी चिदम्बरम के विचारों से अलग राय रखती हैं और वह यूपीए के बिल के पक्ष में हैं। पूरी संभावना है कि जुलाई के अंत तक राज्य सभा में जीएसटी पास हो जाएगा।
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