अभिनेत्री प्रियंका चोपड़ा ने हीरा कारोबारी नीरव मोदी को नोटिस भेजा है। उन्होंने हजारों करोड़ रुपये के घोटाले के आरोपी पर विज्ञापन के एवज में भुगतान न करने और धोखाधड़ी का आरोप लगाया है। प्रियंका नीरव मोदी की कंपनी द्वारा तैयार हीरे के आभूषणों का विज्ञापन करती हैं। साथ ही वह कंपनी की ब्रांड एम्बेस्डर भी हैं। अभिनेत्री के इस कदम से वित्तीय फर्जीवाड़े में फंसे गुजरात के इस कारोबारी की समस्याएं बढ़ सकती हैं। प्रियंका के अलावा दुनिया की कई अन्य जानीमानी हस्तियां और मॉडल भी नीरव मोदी की कंपनी से जुड़ी रही हैं। दूसरी तरफ, बैंकिंग सेक्टर के बड़े घोटालों में से एक पर राजनीतिक बयानबाजी भी शुरू हो गई है। दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल ने नीरव मोदी के देश छोड़ने पर भाजपा की नेतृत्व वाली केंद्र सरकार पर सवाल उठाए हैं। उन्होंने ट्वीट किया, ‘क्या यह संभव है कि भाजपा सरकार के साथ सक्रिय साठगांठ के बिना ही वह (नीरव मोदी) या विजय माल्या देश छोड़ सकते हैं?’
Is it possible to believe that he or vijay mallya left the country without active connivance of BJP govt? https://t.co/6iMFf9VAkF
— Arvind Kejriwal (@ArvindKejriwal) February 15, 2018
Visuals from Punjab National Banks's MCB Brady House branch in Mumbai, from where transactions related to #PNBScam were carried out. #NiravModi pic.twitter.com/aAygldC0xT
— ANI (@ANI) February 15, 2018
PNB ने बुधवार (14 फरवरी) को 11,000 करोड़ रुपये के फर्जीवाड़े की जानकारी दी थी। यह घोटाला बैंक के एमसीबी ब्रैडी हाउस (मुंबई) से जुड़ा है। बैंक कर्मचारियों और अधिकारियों ने फर्जी दस्तावेज पर नीरव मोदी के पक्ष में हजारों करोड़ रुपये की लोन गारंटी जारी कर दी थी। फर्जीवाड़े में शामिल एक अधिकारी तो रिटायर भी हो चुके हैं। सूचना एवं प्रौद्योगिकी मंत्री रविशंकर प्रसाद ने आरबीआई के आंकड़ों का हवाला देते हुए हाल में ही संसद में बैंकिंग सेक्टर में धोखाधड़ी के मामलों की जानकारी दी थी। उन्होंने 21 दिसंबर, 2017 तक के डाटा के आधार पर बैंकों में ऐसे 25,600 से ज्यादा मामले सामने आने की बात कही थी। आरबीआई ने एक लाख रुपये या उससे ज्यादा के वित्तीय हेरफेर को लेकर रिपोर्ट जारी की थी। सबसे ज्यादा मामले आईसीआईसीआई बैंक (455) से जुड़े थे। एसबीआई (429) दूसरे स्थान पर था। पीएनबी की लोन गारंटी पर आरोपी व्यवसायी को कई अन्य बैंकों ने कर्ज दिए थे। इस घोटाले के सामने आने के बाद सरकार भी सक्रिय हो गई है। सभी बैंकों को लोन की समीक्षा करने का निर्देश दिया गया है, ताकि इस तरह की घटनाओं का समय से पहले पता लगाया जा सके।
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