देश भर में कोरोनावायरस संक्रमण को लेकर डर बढ़ता जा रहा है। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की तरफ से रविवार को जनता कर्फ्यू की अपील के बाद कई राज्यों ने कड़े प्रतिबंध लगाने शुरू कर दिए। इसी बीच कोलकाता की डमडम सेंट्रल जेल में शनिवार दोपहर को कैदियों ने कोरोनावायरस के डर से हंगामा कर दिया। कैदियों ने अधिकारियों को पीटा और पुलिस पर भी हमले किए। साथ ही एक दफ्तर में आग लगा दी। पुलिस को कैदियों को काबू में लाने के लिए लाठीचार्ज और आंसू गैस के गोले छोड़ने पड़े।
बताया गया है कि जेल में हुई इस झड़प में कम से कम एक कैदी की मौत हुई है। वहीं, करीब एक दर्जन लोग गंभीर रूप से जख्मी हुए हैं। जेल अधिकारियों का कहना है कि यह कैदियों के दो गुटों के बीच टकराव का मामला था। हालांकि, सूत्रों के मुताबिक, कैदी कोरोनावायरस के चलते लगाए गए प्रतिबंधों और जांच से परेशान थे। कैदियों में यह भ्रम फैल गया कि कोरोनावायरस की वजह से लगे प्रतिबंधों के चलते कोर्ट में उनकी सुनवाई पर असर पड़ेगा और इसकी वजह से उनकी परिवार के साथ मुलाकात भी नहीं हो पाएगी। कैदियों ने अधिकारियों से संक्रमण के खतरे के मद्देनजर मास्क और जेल में साफ-सफाई की भी मांग की थी।
डमडम जेल में इस वक्त करीब 2500 कैदी हैं। एक वरिष्ठ पुलिस अधिकारी ने इंडियन एक्सप्रेस को बताया कि कैदी इस बात से नाखुश थे कि कोर्ट कोरोनावायरस के खतरे की वजह से 12 मार्च से बंद हैं और उनके मामलों की सुनवाई नहीं हो रही है। इसके बाद प्रशासन ने उन पर 21 मार्च तक परिवार से न मिलने का भी बैन लगा दिया। इसी के चलते कैदियों ने हंगामा कर दिया। पुलिस अफसर के मुताबिक, कुछ कैदियों ने जेल से भागने के लिए भी यह बहाना बनाने की कोशिश की।
घटनास्थल पर मौजूद डमडम जेल के एक अफसर ने बताया कि कैदी कोर्ट में सुनवाई न होने से नाखुश थे, क्योंकि इसकी वजह से उनकी जमानत का कोई विकल्प नहीं था। डीआईजी अरिंदम सरकार और जेल सुपरिटेंडेंट सुभेन्दु कृष्ण घोष ने कैदियों को समझाने की भी कोशिश की, लेकिन वे सभी गुस्से में थे।