प्रधानमंत्री कार्यालय (पीएमओ) के नए परिसर को ‘सेवा तीर्थ’ के नाम से जाना जाएगा। इंडियन एक्सप्रेस ने पहले ही यह खबर दी थी कि पीएमओ को नवनिर्मित परिसर में ट्रांसफर करने की तैयारी की जा रही है। अभी तक प्रधानमंत्री का आधिकारिक निवास और दफ्तर 7 लोक कल्याण मार्ग है। पहले इसे 7 रेसकोर्स रोड के नाम से पहचाना जाता था।
सरकार की ओर से बताया गया है कि सेंट्रल विस्टा पुनर्विकास परियोजना के तहत बन रहे परिसर का निर्माण कार्य अंतिम चरण में है। इसे पहले ‘एग्जीक्यूटिव एन्क्लेव’ के रूप में जाना जाता था।
प्रधानमंत्री कार्यालय के अलावा निर्माणाधीन परिसर में मंत्रिमंडल सचिवालय, राष्ट्रीय सुरक्षा परिषद सचिवालय और ‘इंडिया हाउस’ के कार्यालय भी होंगे।
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अधिकारियों ने बताया कि ‘सेवा तीर्थ’ ऐसी जगह होगी, जिसे सेवा की भावना को प्रतिबिंबित करने के लिए डिजाइन किया गया है और जहां राष्ट्रीय प्राथमिकताएं मूर्त रूप लेंगी। उन्होंने कहा कि भारत के सार्वजनिक संस्थान एक शांत लेकिन गहन बदलाव के दौर से गुजर रहे हैं।
राज्यपालों के आधिकारिक आवास का नाम भी बदला
अधिकारियों के मुताबिक शासन का विचार ‘सत्ता’ से ‘सेवा’ और अधिकार से उत्तरदायित्व की ओर बढ़ रहा है। उन्होंने कहा कि यह परिवर्तन केवल प्रशासनिक नहीं, बल्कि सांस्कृतिक और नैतिक भी है। राज्यों के राज्यपालों के आधिकारिक आवास ‘राजभवन’ का भी नाम भी बदलकर ‘लोक भवन’ रखा जा रहा है।
अधिकारियों ने कहा कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के नेतृत्व में शासन के क्षेत्रों को ‘कर्तव्य’ और पारदर्शिता को प्रतिबिंबित करने के लिए नया रूप दिया गया है। उन्होंने कहा, ‘‘हर नाम, हर इमारत और हर प्रतीक अब एक विचार की ओर इशारा करते हैं- सरकार सेवा के लिए है।’’
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‘कर्तव्य पथ’ कर दिया था नाम
सरकार ने राष्ट्रपति भवन से इंडिया गेट तक के रास्ते का नाम ‘राजपथ’ से बदलकर ‘कर्तव्य पथ’ कर दिया था। प्रधानमंत्री के आधिकारिक आवास का नाम 2016 में बदलकर लोक कल्याण मार्ग कर दिया गया था। केंद्रीय सचिवालय का नाम कर्तव्य भवन है और यह एक विशाल प्रशासनिक केंद्र है।
