पीएम नरेंद्र मोदी ने नमो ऐप के जरिये प्रधानमंत्री उज्ज्वला योजना के लाभार्थियों को संबोधित किया। इस दौरान उन्होंने विभिन्न राज्यों की महिलाओं से सीधे बात भी की। जम्मू-कश्मीर के अनंतनाग जिले की महिलाओं से बातचीत के दौरान मोदी ने कुछ ऐसा कहा दिया कि लोग उनसे ताबड़तोड़ सवाल पूछने लगे। कश्मीरी महिलाओं से बातचीत में पीएम मोदी ने उनसे कहा, ‘बचपन में मेरे कई पड़ोसी मुसलमान थे। मेरे कई मुस्लिम दोस्त भी थे। मुझे याद है कि रमजान के दौरान खासकर महिलाएं बहुत जल्दी उठ जाती थीं, लेकिन उज्ज्वला योजना के अमल में आने से उसमें भी बदलाव आया होगा।’ मुसलमान पड़ोसी और दोस्त की बात पर लोगों ने टि्वटर पर उनसे ताबड़तोड़ सवाल पूछने शुरू कर दिए। पीएम मोदी का ट्वीट सामने आने के बाद अतीक मलिक ने पूछा, ‘गुजरात दंगों के दौरान वे बचे की नहीं?’ एक अन्य शख्स ने ट्वीट किया, ‘सर हर कोई जानता है कि आप आज (28 मई) के मतदान (उपचुनाव) को प्रभावित करने के लिए सुबह से ही ट्वीट कर रहे हैं। आपका ये टोना-टोटका अब सबको पता चल चुका है।’ मोहम्मद जेहरुल इस्लाम ने लिखा, ‘सर पेट्रोल और डीजल के बारे में भी सोचिए।’
When I was young, I had many Muslim neighbours. Many of my friends were Muslims. I remember during Ramzan, women woke up particularly early but the coming of the Ujjwala Yojana would have changed that too: PM @narendramodi while interacting with a group of women from Anantnag
— PMO India (@PMOIndia) May 28, 2018
पीएम मोदी से बातचीत के दौरान कश्मीरी महिलाओं ने भी रमजान के दौरान अपनी दैनिक गतिविधियों के बारे में उन्हें अवगत कराया। ऐसी ही एक महिला अर्जुमना ने ट्वीट किया, ‘उज्ज्वला योजना से सिलाई जैसे अन्य कामों के लिए हमलोगों और ज्यादा समय मिलने लगा। इस योजना की वजह से खासकर रमजान के दौरान जिंदगी और भी आसान हो गई।’ अनंतनाग की एक अन्य महिला ने पीएम से कहा, ‘यह रमजान का महीना है। हमलोग प्रतिदिन पवित्र कुरान पढ़ते हैं। हम आपके लिए प्रतिदिन प्रार्थना करती हूं। हमें उम्मीद है कि आप प्रधानमंत्री के तौर पर हमारी सेवा करते रहेंगे।’ बता दें कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने 28 मई को नमो ऐप के जरिये उज्ज्वला योजना के लाभार्थियों को संबोधित किया। इस दौरान उन्होंने तमिलनाडु से लेकर जम्मू-कश्मीर तक की महिला लाभार्थियों के अनुभव जाने। साथ ही इस योजना में भ्रष्टाचार पाए जाने पर सीधे उन्हें पत्र लिखने की सलाह भी दी। केंद्र सरकार का दावा है कि इस योजना के तहत अब तक एलपीजी के 10 करोड़ कनेक्शन दिए जा चुके हैं।