पिछले पांच महीनों में घरेलू एलपीजी सिलिंडर के दाम 35.55 रुपए तक बढ़ाए गए। बुधवार (18 मार्च, 2020) को पेट्रोलियम मंत्री धमेंद्र प्रधान ने यह जानकारी दी। सरकार की नीति के अनुसार पूरे देश में एलपीजी बाजार कीमत पर उपलब्ध है। हालांकि घरेलू इस्तेमाल के लिए केंद्र सरकार साल में 14.2 किलोग्राम के 12 सिलिंडरों पर सब्सिडी देती है। सब्सिडी सीधे लाभार्थियों के खाते में जमा कर दी जाती है, इसलिए घरेलू इस्तेमाल के लिए भी सिलिंडर बाजार कीमत पर ही मिलते हैं।

रिकॉर्ड के मुताबिक पिछले साल अक्टूबर से सब्सिडी वाले सिलिंडर पर 35.55 रुपए बढ़ाए गए हैं। राज्य सभा में एक लिखित सवाल के जवाब में पेट्रोलियम मंत्री ने जानकारी दी। धमेंद्र प्रधान ने कहा, ‘एक अक्टूबर, 2019 को दिल्ली में सब्सिडी वाले सिलिंडर की कीमत 538.95 रुपए थी और इस महीने यह कीमत 574.50 रुपए रही।’ हालांकि जवाब में उन्होंने कीमतों में बढ़ोतरी की वजह नहीं बताई।

एक अन्य सवाल के जवाब में केंद्रीय मंत्री ने कहा कि बिना सब्सिडी वाले सिलिंडर की कीमत 805.50 रुपए हैं। इस तरह से 14.2 किलोग्राम के घरेलू सिलिंडर पर 231 रुपए की सब्सिडी दी जा रही है। ऐसे में जब घरेलू इस्तेमाल के लिए कोई सिलिंडर 805.50 रुपए का खरीदता है, उसे बैंक खाते में बतौर सब्सिडी 231 रुपए वापस ट्रांसफर कर दिए जाते हैं। इससे धरेलू उपभोक्ताओं को 574.50 रुपए का भुगतान करना होता है।

उल्लेखनीय है कि अंतर्राष्ट्रीय बाजार में कच्चे तेल में आई गिरावट का लाभ आम लोगों का ना मिलने पर संसद में खूब हंगामा हुआ। बुधवार को राज्यसभा में ये मुद्दा उठाते हुए तेदेपा के एक सदस्य ने मांग की कि अंतरराष्ट्रीय बाजार में कच्चे तेल की कीमतों में आई भारी कमी का लाभ आम उपभोक्ताओं को भी मिलना चाहिए। तेदेपा सदस्य के रवींद्र कुमार ने शून्यकाल में यह मुद्दा उठाया। उन्होंने कहा कि दिसंबर 2019 में कच्चे तेल की कीमत 65 डॉलर प्रति बैरल थी जो फरवरी में घटकर 59 डॉलर हो गई। उन्होंने कहा कि यह कीमत और घटकर 32 डॉलर हो गई है।