गुरुवार 20 जुलाई को राष्ट्रपति चुनाव के नतीजे घोषित किए गए और एनडीए उम्मीदवार रामनाथ कोविंद ने जीत दर्ज की। नतीजों से यह भी पता लगा कि कई राज्यों में क्रॉस वोटिंग हुई और अधिकतर ने रामनाथ कोविंद के समर्थन में वोट डाले, खासकर गुजरात में। विधानसभा चुनाव से चार महीने पहले इस राष्ट्रपति चुनाव में कांग्रेस के आठ विधायकों ने कोविंद को वोट डाला। वहीं गोवा में पार्टी के तीन विधायकों ने क्रॉस वोटिंग की।
विपक्ष को महाराष्ट्र से भी बुरी खबर मिली, जहां कांग्रेस और एनसीपी के कुल मिलाकर 83 , समाजवादी पार्टी और सीपीआई(एम) के एक-एक विधायक हैं। इसके अलावा एआईएमआईएम के दो विधायक और पीजेंट एंड वर्कर्स पार्टी ऑफ इंडिया पार्टी के तीन विधायक हैं। इसके बावजूद विपक्ष की उम्मीदवार मीरा कुमार को यहां से केवल 77 वोट मिले। स्टेट कांग्रेस प्रेसिडेंट अशोक चव्हाण ने कहा कि यह कहना मुश्किल है कि किसने क्रॉस वोटिंग की क्योंकि वहां कोई व्हिप जारी नहीं किया गया था। राजस्थान में भी अगले साल विधानसभा चुनाव होने हैं और कांग्रेस का दावा है कि वहां छह भाजपा विधायकों ने क्रॉस वोटिंग करते हुए मीरा कुमार को वोट डाला।
जानिए और कहां-कहां हुई क्रॉस वोटिंग:
– पश्चिम बंगाल में रामनाथ कोविंद को 11 वोट मिले। यहां भाजपा के तीन विधायक हैं और पांच वोट मिलने की संभावना थी। यह साफ नहीं हुआ कि अन्य वोट कहां से मिले।
– उत्तर प्रदेश में समाजवादी पार्टी के 47, बसपा के 19 और कांग्रेस के 7 विधायक हैं इस तरह मीरा कुमार को 73 वोट मिलने चाहिए थे, लेकिन सिर्फ 65 ही मिले। यहां कोविंद को 335 वोट मिले।
– दिल्ली में, दो आम आदमी पार्टी विधायकों ने क्रॉस वोटिंग की। भाजपा गठबंधन के यहां चार विधायक हैं, जबकि छह वोट मिले।
– असम में मीरा कुमार को 39 वोट मिलने चाहिए थे, लेकिन सिर्फ 35 ही मिले। 87 वोटों की संभावना जता रहे भाजपा उम्मीदवार को 91 वोट मिले।
– अरुणाचल प्रदेश में कांग्रेस को तीन वोट मिले। जबकि यहां कांग्रेस के सिर्फ एक ही विधायक थे।